Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 पर्यावरण दिवस पर ‘अन्न से जीवन’ अभियान की शुरुआत | dharmpath.com

Tuesday , 17 June 2025

Home » भारत » पर्यावरण दिवस पर ‘अन्न से जीवन’ अभियान की शुरुआत

पर्यावरण दिवस पर ‘अन्न से जीवन’ अभियान की शुरुआत

नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। भारतीय कृषि की बदहाली का जमीनी स्तर पर समाधान पेश करने और खाद्य प्रणाली को बेहतर बनार रखने के लिए ग्रीनपीस ने विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर रविवार को एक नया अभियान ‘अन्न से जीवन’ (फूड फॉर लाइफ) शुरू किया है। इस अभियान में ‘इकोलॉजिकल एग्रीकल्चर रिवोल्युशन’ (पारिस्थिकीय कृषि क्रांति) पर जोर दिया गया है, जो कमजोर हो चुकी हमारी खाद्य प्रणाली को दुरुस्त करने में मददगार साबित होगा।

ग्रीनपीस इंडिया ने बिहार के जमुई जिले में स्थित, केड़िया गांव के किसानों के द्वारा जारी ‘खाद्य क्रांति’ की प्रेरणास्पद कहानी को आज एक फिल्म स्क्रीनिंग के जरिए तीन शहरों में लोगों के साथ साझा किया। केड़िया में पर्यावरण और पारिस्थितिकी की सेहत के अनुरूप खेती-किसानी के भारतीय पारंपरिक ज्ञान, आधुनिक विज्ञान व कृषि संबंधी अभिनव प्रयोगों के साथ समुचित जैवविविधता की रक्षा की जा रही है।

इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए ग्रीनपीस के कैंपेनर इश्तियाक अहमद ने कहा, “आज हमारी खेती-किसानी संकट में है, क्योंकि वर्तमान समय में खेती पद्धति कुदरत के साथ मिल कर नहीं, बल्कि उसके शोषण पर आधारित है। हम केड़िया में कुदरत, किसान और सरकारी मशीनरी के बीच समायोजन और सम्मान का रिश्ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वर्ष 2014 में शुरू इस अभियान से किसानों के बीच कृषि जैवविविधता और जैवईंधन को लेकर चेतना बढ़ी है और कुदरती ढंग से खेती करने के तरीके पर भरोसा भी बढ़ा है।”

इश्तियाक ने कहा, “दरअसल इस मॉडल में किसानों व उपभोक्ताओं के बीच की दूरी को पाटा जा रहा है। ऐसे में गांव में सहकारित विकास को भी बढ़ावा दिया गया है। इसका मकसद खेती की प्रक्रिया में मध्यस्थों को निकाल बाहर करना है और सततशील आजीविका की ओर प्रयास करते किसानों के लिए मुनाफे के अवसर पैदा करना है।”

इस मौके पर विविधरा और बीज बचाओ आंदोलन से जुड़े वरिष्ठ कार्यकर्ता अजय महाजन ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “कुदरती खेती की बुनियादी जरूरत है कि भोजन व्यवस्था पर किसान और उपभोक्ता का सही नियंत्रण हो। फिलहाल किसानों और उपभोक्ताओं के बीच कोई तालमेल नहीं है जिसका सीधा और प्रतिकूल असर खाद्य सुरक्षा सुरक्षित भोजन प्रणाली पर पड़ रहा है। इस खाई को पाटना हम सब की एक बड़ी जि़म्मेदारी है।”

इंडिया इंटनेशनल सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम में एक नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया गया, जिसमें कुदरती खेती के फायदे के बारे में बात की गई। इस अभियान से जुड़ने के लिए आम लोगों को भी कई अनूठे कार्यक्रमों के जरिये भी प्रेरित किया गया। इसके अलावा एक पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया, जिसमें केड़िया की सफलगाथा को जमीन पर उतारने में साझेदार रहे ग्रीनपीस के कैंपेनर इश्तयाक के अनुभवों से भी लोग रूबरू हुए।

केड़िया के एक किसान राजकुमार यादव ने एक संदेश भेज कहा, “हम अपनी खेती के लिए खाद और कीट नियंत्रक दवाइयां अपने पास मौजूद जैविक संसाधनों से ही बना रहे हैं – इस से हमारी लागत भी घटी है और हम रसायनों के दुष्प्रभाव से भी बच रहे हैं।”

केड़िया बिहार राज्य के एक पिछड़े जिले जमुई के बरहट प्रखंड/तहसील में स्थित एक छोटा सा गांव है, जहां बिना किसी रासायनिक खाद व कीटनाशकों के जैविक कृषि के तहत ‘जीवित माटी’ का प्रयोग सफल हुआ है। कुदरती खेती का केड़िया मॉडल देश की बदतर होती कृषि प्रणाली की कई विभिन्न समस्याओं को एक व्यापक व वैकल्पिक नजरिये से हल करने की कोशिश करता है।

पर्यावरण दिवस पर ‘अन्न से जीवन’ अभियान की शुरुआत Reviewed by on . नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। भारतीय कृषि की बदहाली का जमीनी स्तर पर समाधान पेश करने और खाद्य प्रणाली को बेहतर बनार रखने के लिए ग्रीनपीस ने विश्व पर्यावरण दिवस के नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। भारतीय कृषि की बदहाली का जमीनी स्तर पर समाधान पेश करने और खाद्य प्रणाली को बेहतर बनार रखने के लिए ग्रीनपीस ने विश्व पर्यावरण दिवस के Rating:
scroll to top