नई दिल्ली, 5 अप्रैल (आईएएनएस)। सरकारी बैंकों के पुनर्पूजीकरण और सशक्तीरकण के बाद सरकार कुछ बैंकों के विलय पर काम करेगी। यह बात मंगलवार को केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कही।
जेटली ने यहां इंटरनेशनल फायनेंस कॉरपोरेशन (आईएफसी) के एक आयोजन में कहा, “हमने अभी अपने मौजूदा संसाधनों के तहत बैंकों के पुनर्पूजीकरण का काम हाथ में लिया है। मैं इस उद्देश्य के लिए अतिरिक्त संसाधन तलाश करने की कोशिश कर रहा हूं।”
सरकारी बैंकों की अत्यधिक गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) या बुरे ऋण से निपटने के लिए की जा रही सरकारी कोशिशों के तहत आम बजट में जेटली ने मौजूदा वित्त वर्ष में बैंकों के पुनर्पूजीकरण के लिए 25 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
उन्होंने 2015-16 में भी बैंकों के पुनर्पूजीकरण के लिए 25 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए थे। वहीं, 2017-18 और 2018-19 में प्रत्येक कारोबारी साल इसके लिए 20 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए जाने की योजना है।
एक अनुमान के मुताबिक, बैसल-3 पूंजी पर्याप्तता मानक पर खरा उतरने के लिए सरकारी बैंकों को 2018 तक 2,40,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त पूंजी की जरूरत होगी। यह मानक 2008 के अमेरिकी वित्तीय संकट दोबारा पैदा होने से रोकने के लिए बनाए गया गया है।