न्यूयार्क, 2 अगस्त (आईएएनएस)। पालक में एक यौगिक पाया जाता है, जिसके कारण वसा के पचने की गति धीमी हो जाती है और इसके कारण भूख कम लगती है। एक नए अध्ययन में पालक का यह प्रभाव खासकर पुरुषों में देखा गया है।
थाईलाक्वोइड के गाढ़े रस से तृप्ति दिलाने वाले हारमोन का स्राव बढ़ जाता है, जो भूख मिटाने में काफी मददगार होता है।
अध्ययन के सह-लेखक और लुसियाना स्थित पेनिंगटन बायोमेडिकल रिसर्च सेंटर के फ्रैंक एल ग्रीनवे ने कहा, “भूख और नमकीन खाने की इच्छा कम करने के इस प्रभाव से थाईलाक्वोइड विशेष तौर पर उच्च रक्तचाप से ग्रस्त और मोटापा की समस्या से प्रभावित लोगों के लिए खास तौर से उपयोगी हो सकता है।”
शोधकर्ताओं ने तृप्ति, भोजन की मात्रा, लिपिड और प्लेसबो के ग्लूकोज पर गाढ़े थाईलाक्वोइड रस की एक खुराक के प्रभाव का अध्ययन किया।
अध्ययनकर्ताओं ने चुने हुए लोगों को कम से कम एक सप्ताह तक प्लेसबो या पालक खिलाया।
शोध में पता चला कि पालक खाने वाले को ढाई घंटे से अधिक समय तक तृप्ति महसूस हुई, यह प्रभाव प्लेसबो खाने वाले में नहीं दिखा।
पालक खाने वालों में देखा गया कि इसके बाद उन्होंने ऊर्जा देने वाले भोजन कम खाए।
इससे पहले के अध्ययनों में पाया गया है कि पालक के रस का सेवन करने से महिलाओं में मिठाई खाने की लालसा में कमी आई।
यह अध्ययन शोध पत्रिका ‘अमेरिकन कॉलेज ऑफ न्यूट्रीशन’ में प्रकाशित हुआ है।