नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना फरवरी 2016 में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू (आईएफआर) से पहले स्वदेश में निर्मित परमाणु क्षमता संपन्न पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत को पूरी तरह तैयार कर लेना चाहती है।
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय नौसेना फरवरी 2016 में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय फ्लीट रिव्यू (आईएफआर) से पहले स्वदेश में निर्मित परमाणु क्षमता संपन्न पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत को पूरी तरह तैयार कर लेना चाहती है।
6,000 टन भार वाली आईएनएस अरिहंत का इस वक्त सामुद्रिक परीक्षण हो रहा है। जल्द ही इसका शस्त्र सबंधी परीक्षण होगा।
नौसेना की तरफ से आईएनएस अरिहंत की आईएफआर में भागीदारी के बारे में मुकम्मल खामोशी अख्तियार की गई है। लेकिन, नौसेना के एक अधिकारी ने पहचान न बताने की शर्त पर आईएएनएस को बताया कि कोशिश की जा रही है कि पनडुब्बी आईएफआर से पहले तैयार हो जाए।
अधिकारी ने कहा, “हम चाहते हैं कि पनडुब्बी आईएफआर के पहले तैयार हो जाए। लेकिन, यह साफ है कि परीक्षणों से किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाएगा क्योंकि सुरक्षा ही सर्वोपरि है। अगर यह फरवरी से पहले सभी परीक्षणों में खरा उतरती है तो फिर इससे बेहतर कुछ और नहीं हो सकता।”
अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बियों में आईएनएस अरिहंत को सबसे ऊंचा स्थान हासिल है। 2009 में लांच की गई यह पनडुब्बी परमाणु प्रक्षेपास्त्रों से लैस है।
योजना के हिसाब से 2012 में ही इसका सामुद्रिक परीक्षण होना था लेकिन ऐसा दिसंबर 2014 में हो सका। परीक्षण में अभी तक कोई दिक्कत नहीं आई है।
हाल ही में संवाददाता सम्मेलन में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर.के.धवन से पूछा गया था कि क्या आईएनएस अरिहंत आईएफआर में हिस्सा लेगी। धवन ने कहा था कि इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता।
इस पनडुब्बी के नौसेना में शामिल होने के बाद भारत को सतह और हवा के साथ-साथ समुद्र से भी परमाणु हमले का जवाब देने की क्षमता मिल जाएगी।
अगले साल 4 से 8 फरवरी के बीच होने वाले आईएफआर में 50 से अधिक देशों के हिस्सा लेने की संभावना है। माना जा रहा है कि इन देशों के 90 पोत आईएफआर में शामिल होंगे।