भुवनेश्वर, 19 फरवरी (आईएएनएस)। दिग्गज फिल्म निर्माता-निर्देशक नीरद नारायण मोहपात्रा का गुरुवार को मुंबई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 67 साल के थे।
उनके छोटे भाई संपद मोहपात्रा ने आईएएनएस को बताया कि नीरद के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे व एक बेटी है। उनका अंतिम संस्कार हैदराबाद से उनकी बेटी के आने के बाद दिन में मुंबई में होगा।
संपद ने कहा कि नीरद का पिछले एक माह से मुंबई के फोर्टिस हीरानंदनी अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनकी एक माह में दो बार सर्जरी की गई थी। ऐसी आशंका है कि उन्हें कैंसर था, हालांकि बायोप्सी में कैंसर की पुष्टि नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि पहले ऑपरेशन के बाद नीरद की तकलीफ बढ़ गई, जिसके बाद दोबारा सर्जरी की गई। उनकी तबीयत बिगड़ गई और उन्होंने तड़के छह बजे अंतिम सांस ली।
नीरद ने राजनीतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। इसके बाद वर्ष 1968 में निर्देशन कोर्स की पढ़ाई करने के लिए पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) में दाखिला लिया। वह एफटीआईआई में पांच साल तक व्याख्याता रहे।
नीरद ने अपनी पहली उड़िया फिल्म ‘माया मृग्या’ (1984) से विश्व स्तर पर प्रसिद्धि पाई। यह 1984 में भारतीय पैनोरमा में दूसरी सबसे अच्छी राष्ट्रीय फिल्म घोषित की गई। इसे मैनहेम-हीडलबर्ग अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव में विश्व की तीसरी सर्वश्रेष्ठ फिल्म घोषित किया गया था।
‘माया मृग्या’ ने हवाई फिल्म उत्सव (अमेरिका) और क्रिटिक्स वीक ऑफ कान्स (फ्रांस) में स्पेशल ज्यूरी अवार्ड भी जीता था।
नीरद ने हालांकि, कभी कोई अन्य फीचर फिल्म नहीं बनाई। उनका ध्यान वृत्तचित्रों पर रहा, जिन्होंने उन्हें कई पुरस्कार दिलाए।
नीरद को वर्ष 1985 में अमेरिकी विश्वविद्यालयों में फिल्मों पर व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया था। वह राष्ट्रीय फिल्म ज्यूरी के सदस्य थे। इसके अलावा कई बार भारतीय पैनोरमा के चयन पैनल के सदस्य भी रहे।