कोलकाता, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। दुर्गा पूजा उत्सव के दूसरे दिन मंगलवार को महासप्तमी के पावन अवसर पर पश्चिम बंगाल के विभिन्न पूजा पंडालों में सुबह की पूजा और आनंदोत्सव में शरीक होने के लिए सेलेब्रिटीज और राजनेताओं सहित विशाल जनसमूह एकत्रित हुआ।
महासप्तमी के रूप में मनाए जाने वाले इस दिन की शुरुआत देवी की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ से हुई।
दुल्हन के प्रतीक साड़ी में लिपटे एक केले के पौधे ‘कोल बोउ’ को नदी में स्नान कराया गया और गणेश की प्रतिमा के बगल में स्थापित किया गया।
इसके बाद व्रतधारी भक्तों द्वारा देवी दुर्गा को श्रद्धा अर्पण करने के साथ पूजा प्रारंभ हुई।
हर वर्ष पांच दिनों तक मनाए जाने वाले इस उत्सव को इस बार चार दिन के कार्यक्रम में तब्दील कर दिया गया है।
विश्व के इस हिस्से के सबसे बड़े वार्षिक समारोह में दिन-रात सड़कें विशाल जनसमूह से पटी रहती हैं।
सुबह से ही विराट पंडालों में लोगों का जमावड़ा शुरू हो गया, जहां धूमधाम से देवी और उनके चार बच्चों की पूजा-अर्चना की जा रही है।
अकेले कोलकाता में करीब 2,470 सामुदायिक पूजा कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है और राज्य के अन्य हिस्सों में हजारों स्थानों पर दुर्गा पूजा की धूम है।
हिंदू मान्यता के अनुसार, आश्विन शुक्ल पक्ष की छठी तिथि को देवी दुर्गा के धरती पर आगमन के साथ उत्सव की शुरुआत होती है और दशमी यानी दशहरा के दिन इसका समापन होता है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित अपने पैतृक आवास में दुर्गा पूजन अनुष्ठान किए।
हालांकि पुलिस द्वारा सोमवार को दक्षिण कोलकाता के देशप्रिया पार्क में पूजा देखने पर प्रतिबंध लगा दिए जाने के बाद उत्सव को लेकर लोगों में थोड़ी निराशा हुई। इस पूजा आयोजन समिति ने दुनिया की सबसे बड़ी दुर्गा मूर्ति स्थापित करने का दावा किया था।
पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ पूजा के लिए इजाजत न लेने और तय ऊंचाई यानी 40 फीट से ज्यादा ऊंची प्रतिमा बनाकर नियम तोड़ने का मामला भी दर्ज किया है।
राज्य के कई मंत्री, फिल्म कलाकार और खेल जगत की विशिष्ट हस्तियों ने भी विभिन्न पूजा पंडालों में जाकर शक्ति-स्वरूपा के प्रति अपनी श्रद्धा अर्पित की।