Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 बिहार : महिला संगठन ने सुनाया शराबबंदी का फरमान | dharmpath.com

Tuesday , 3 June 2025

ब्रेकिंग न्यूज़
Home » धर्मंपथ » बिहार : महिला संगठन ने सुनाया शराबबंदी का फरमान

बिहार : महिला संगठन ने सुनाया शराबबंदी का फरमान

शेखपुरा, 31 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार में शराब की दुकानें आंधाधुंध खोले जाने को लेकर विपक्ष तो सरकार की आलोचना करता ही रहा है, अब महिलाएं भी शराबबंदी के लिए कमर कस रही हैं। शेखपुरा जिले के एक गांव की महिलाओं ने संगठन बनाकर गांव में पूर्णत: शराबबंदी का फरमान जारी किया है।

शेखपुरा, 31 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार में शराब की दुकानें आंधाधुंध खोले जाने को लेकर विपक्ष तो सरकार की आलोचना करता ही रहा है, अब महिलाएं भी शराबबंदी के लिए कमर कस रही हैं। शेखपुरा जिले के एक गांव की महिलाओं ने संगठन बनाकर गांव में पूर्णत: शराबबंदी का फरमान जारी किया है।

शेखपुरा जिले के बरबीघा प्रखंड के रमजानपुर गांव में महिला संगठन ने न केवल शराबबंदी का ऐलान किया है, बल्कि शराब बेचने और पीने वालों पर बजाप्ता जुर्माना लगाने और शारीरिक दंड देने का भी प्रावधान किया है।

रमजानपुर गांव में अवैध शराब का धंधा काफी दिनों से फलफूल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि शराबखोरी से कई परिवार बर्बाद हो चुके हैं, पिुर भी यह अवैध धंधा खत्म नहीं हुआ है। शराबखोरी के खिलाफ अब महिलाएं आगे आईं और बैठक कर गांव में शराबबंदी की घोषणा कर दी।

गांव की महिला कालो देवी कहती हैं, “शराब का सबसे ज्यादा मार महिलाओं को उठानी पड़ती है। महिलाएं प्रताड़ित की जाती हैं। इसलिए गांव की महिलाओं ने शराबबंदी की योजना बनाई और सबको एकजुट कर ‘महिला पंचायत’ लगाई तथा शराबबंदी पर फैसला सुना दिया गया।”

महिला पंचायत की एक अन्य सदस्य शामा देवी कहती हैं कि शराब पीने वालों पर पर 2,500 रुपये और बेचने पर 10 हजार जुर्माना तथा महिलाओं से 10 झाड़ू मार खाने का प्रावधान भी किया गया है।

शामा कहती हैं कि अन्य गांवों से शराब पीकर लोग गांव में आ जाते थे, जिससे गांव का माहौल खराब हो रहा था। गांव के बच्चे भी शराब की ओर उन्मुख होने लगे थे।

महिलाओं की इस पहल की सराहना आम लोग भी करने लगे हैं। गांव के बुजुर्ग रामधनी सिंह कहते हैं कि पहले शराब का चलन गांवों में नहीं था, लेकिन अब गांवभर में महुआ से शराब बनने के धंधे ने कुटीर उद्योग का रूप ले लिया है। लोगों को शराब आसानी से उपलब्ध हो जाती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की यह पहल स्वागतयोग्य है।

उल्लेखनीय है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी घोषणा की है कि फिर से सत्ता में आने पर वह राज्य में शराब की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाएंगे, भले ही सरकार को राजस्व का भारी नुकसान क्यों न उठाना पड़े।

बिहार : महिला संगठन ने सुनाया शराबबंदी का फरमान Reviewed by on . शेखपुरा, 31 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार में शराब की दुकानें आंधाधुंध खोले जाने को लेकर विपक्ष तो सरकार की आलोचना करता ही रहा है, अब महिलाएं भी शराबबंदी के लिए कमर कस शेखपुरा, 31 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार में शराब की दुकानें आंधाधुंध खोले जाने को लेकर विपक्ष तो सरकार की आलोचना करता ही रहा है, अब महिलाएं भी शराबबंदी के लिए कमर कस Rating:
scroll to top