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 बिहार : लोकतंत्र के पर्व में कुताय व जईब ने दिखाया जज्बा (फोटो सहित) | dharmpath.com

Sunday , 8 June 2025

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बिहार : लोकतंत्र के पर्व में कुताय व जईब ने दिखाया जज्बा (फोटो सहित)

पूर्णिया, 5 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव के पांचवें व अंतिम चरण के मतदान में राज्य के 57 निर्वाचन क्षेत्रों में हो रहे मतदान के बीच पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार में कई ऐसे भी मतदाता नजर आए जिन्होंने न केवल अपने मताधिकार का उपयोग किया, बल्कि ऐसे लोगों के लिए एक सबक भी बने जो मतदान नहीं करते।

पूर्णिया, 5 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव के पांचवें व अंतिम चरण के मतदान में राज्य के 57 निर्वाचन क्षेत्रों में हो रहे मतदान के बीच पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार में कई ऐसे भी मतदाता नजर आए जिन्होंने न केवल अपने मताधिकार का उपयोग किया, बल्कि ऐसे लोगों के लिए एक सबक भी बने जो मतदान नहीं करते।

पूर्णिया विधानसभा क्षेत्र के बिलौरी गांव निवासी 106 वर्षीय कुताय मंडल अपने 82 वर्षीय पुत्र सत्येंद्र मंडल के साथ अपने मतदान केंद्र बिलौरी के मध्य विद्यालय पहुंचकर न केवल मतदान किया, बल्कि अन्य लोगों से भी वोट देने की अपील की।

ऐसा नहीं कि यह कोई पहला मौका है कि वह वोट करने आया हो। कुताय मैथिली भाषा में कहते हैं, “जहिया स’ वोटर भेल छियै, तहिये स’ सब चुनाव मे हमें सब वोट देने छियै।”

कुताय हालांकि वर्तमान नेताओं से खुश नहीं हैं और आज तक उन्हें इसका भी अफसोस है कि वे जिस पार्टी को भी वोट देते हैं, वह हार जाती है। नेताओं के विषय में पूछने पर कुताय कहते हैं, “दुर, नेता आउर कोनो काम के छै? सबे एक जइसन छै।”

उनके पुत्र सत्येंद्र मंडल शिक्षक की नौकरी से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वे कहते हैं कि चुनाव की घोषणा की जानकारी मिलने के बाद से ही उनके पिता वोट देने के लिए पूरे परिजनों को परेशान किए रहते हैं। वे कहते हैं कि ये भले ही अपने पैरों पर ठीक से चल नहीं सकते, लेकिन वोट देना नहीं भूलते और हमलोग भी उनकी इच्छा को मारना नहीं चाहते।

इधर, कटिहार के कोढ़ा विधानसभा क्षेत्र के देवकली गांव के लोगों के मतदान केंद्र तक जाने के लिए सड़क नहीं है, मगर इस गांव के लोग नदी पारकर भी अपना मत देने के लिए पेकाहा गांव स्थित मतदान केंद्र संख्या 215 तक पहुंच रहे हैं। मतदाताओं की जागरूकता और उत्साह को इसी से समझा जा सकता है कि एक गांव के एक बीमार महिला को खाट पर लिटाकर उसे मतदान केंद्र तक पहुंचाया गया।

ग्रामीण श्याम सुंदर सिंह कहते हैं कि गांव की महिला बुलो देवी बीमार हैं, लेकिन वह अपने वोट को बर्बाद करना नहीं चाहतीं। यही कारण है कि उन्हें खाट पर उठाकर मतदान केंद्र तक लाना पड़ा।

बुलो देवी कहती हैं, “ई मौका पांच साल में एक बेर आबै छै, तें वोट देनाइ बहुत जरूरी छै।”

इधर, किशनगंज के 110 वर्षीय मोहम्मद जईब ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग कर लोगों को मतदान के प्रति जागरूक किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “जब मेरे जैसा चलने में असमर्थ व्यक्ति मतदान कर सकता है तो फिर और लोग क्यों नहीं कर सकते।”

बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए चार चरणों का मतदान हो चुका है। पांचवें चरण के मतदान के बाद सभी सीटों की मतगणना आठ नवंबर को होगी।

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