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बैम्बूसेटम : आकार ले रहा देश का सबसे बांस बगीचा

June 14, 2015 2:28 pm by: Category: पर्यावरण, राज्य का पन्ना Comments Off on बैम्बूसेटम : आकार ले रहा देश का सबसे बांस बगीचा A+ / A-

Bambusetum

  • ‘बैम्बूसेटम’ में लगाई जाएंगी बांस की 200 से ज्यादा प्रजाति भोपाल के लहारपुर में हो रहा तैयार कृषि एवं वनस्पति क्षेत्र की रिसर्च में भी उपयोगी

भोपाल-राजधानी भोपाल में देश का सबसे बड़ा बैम्बूसीटम यानी बांस गार्डन आकार ले रहा है। इस बैम्बूसेटम में बांस की विभिन्न प्रजातियों को एक ही जगह पर रोप कर एक एक गार्डन के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसमें बांस की 200 से देशी-विदेशी ज्यादा प्रजाति को रोपी जाएंगी जिनमें से अब 35 से अधिक प्रजातियां रोपी जा चुकी हैं। जुलाई तक 100 से अधिक प्रजातियों के बांस के पौधे इसमें रोपे जाएंगे। पूरी तरह तैयार होने के बाद यह देश का सबसे बड़ा बैम्बू सेटम होगा। वर्तमान में देश का सबसे बड़ा एक मात्र बैम्बू सेटम केरल के पीची में जहां एक गार्डन में बांस की 65 प्रजातियों के वृक्ष हैं। मप्र में बनने वाला यह सेटम दो साल में पूरा तैयार करने का लक्ष्य रखा है। मप्र राज्य बांस मिशन इस बैम्बू सेटम को तैयार कर रहा है।

 

क्या है बैम्बू सेटम
बैम्बू सेटम में बांस की विभिन्न प्रजातियों को एक ही स्थान पर रोपा जाता है। यह एक तरह से बांस बैंक है। मप्र में तैयार हो रहे बैम्बू सेटम में फिलहाल 35 से ज्यादा प्रजातियों को रोपा गया है। यह प्रजातियां केरला फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट कोच्चि, केरल, बैंगलौर और मध्यप्रदेश के विभिन्न स्थलों से बुलाई गर्इं थीं। बांस की प्रत्येक प्रजाति में से 9 पौधे इस प्रोजेक्ट के तहत रोपे जा रहे हैं। प्रत्येक पौधे के रोपण में 10मीटर गुणा 10 मीटर का अंतराल रखा गया है। यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से सिंचित एवं उच्च तकनीकी रोपण का मॉडल है।
लहारपुर इकॉलोजिकल गार्डन
भोपाल वन मंडल के तहत लहारपुर में 1800 हेक्टेयर में ईकोलॉजिकल गार्डन बनाया गया है। प्रदेश का यह पहला बैम्बू सेटम इसी गार्डन में बनाया जा रहा है। इस ईकोलॉजिकल गार्डन में पहले से नक्षत्र वन, ग्रह वन, दशमूल वन, के साथ-साथ बांस एवं आंवला प्रजाति तथा विभिन्न औषधीय पौधे लगाए गए हैं।
क्या होगा लाभ
बैम्बू सेटम की स्थापना से इस ईकोलॉजिकल गार्डन का महत्व और बढ़ेगा। स्थानीय कॉलेज के विद्यार्थियों के अलावा कृषि एवं वनस्पतिशास्त्र विशेषज्ञों के अध्ययन एवं शोध के लिए बांस प्रजातियों की जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध रहेगी।
अद्भुत बांस
  • बांस एक हर्बल प्राचीन औषधि है जो हजारों सालों से एशिया में इस्तेमाल की जा रही है। 
  • अपने टॉनिक और कसेले गुणों के काारण बांस आकर्षक माना जााता है। 
  • बांस की लकड़ी का कोयला, बांस सिरका, बांस का रस, बांस बियर, बांस नमक एवं बांस चीनी स्वास्थ्य और औषधियों में इस्तेमाल की जाती है।  
  • बांस आबो-हवा बदलने में सर्वोपरि है।
  • बांस के उपयोग से प्राकृतिक वनों को बचाया जा सकता है।
  • बांस के पौधे बीज, कटिंग प्रयोगशाला में टिशू कल्चर तकनीक या कंद अर्थात् रायजोम से उगाये जा सकते हैं।
  • बांस के फाइबर की एक अद्भुत विशेषता यह है कि वह नमी को अवशोषित कर त्वचा को शुष्क एवं ठंडा रखने में उत्कृष्ट है।
  • बांस के रेशे तापमान को सहन कर सकते हैं।
  • बांस की जड़ें भूमि एवं जल से धातुओं को अवशोषित कर प्रदूषण नियंत्रण करती हैं।
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बैम्बू सेटम बांस की प्रजातियों का एक ही स्थान पर कलेक्शन है। दो साल के भीतर यह भारत का सबसे बड़ा बैम्बू सेटम होगा। इस जुलाई तक हम इसमें बांस की 100 से ज्यादा प्रजातियों के पौधे रोप देंगे।
– डॉ. एके भट्टाचार्य, मिशन संचालक
मप्र राज्य बांस मिशन

डॉ. अनिल सिरवैयां, भोपाल

9424455625
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