उफा (रूस), 9 जुलाई (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) को भरोसा दिलाया कि आपात भंडार व्यवस्था (कंटिंजेंसी रिजर्व अरेंजमेंट) को जल्द ही मूर्त रूप दिया जाएगा। उन्होंने साथ ही कहा कि यहां गुरुवार की बैठक स्वीकार की जाने वाली ब्रिक्स आर्थिक सहयोग रणनीति इस समूह के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
मोदी ने कहा, “आज स्वीकार की जाने वाली ब्रिक्स आर्थिक सहयोग रणनीति ब्रिक्स के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।”
बैठक में ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति भी मौजूद थे।
उन्होंने कहा, “आपात भंडार व्यवस्था को जल्द मूर्त रूप दिया जाएगा, जो कि ब्रिक्स की अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करने में मदद करेगी।”
ब्रिक्स आर्थिक सहयोग रणनीति का लक्ष्य ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार की सरलता के लिए रूपरेखा तैयार करना है।
यह इस तरह का पहला व्यापक दस्तावेज है, जो सहयोग के भौतिक, सांस्थानिक और आम लोगों का संपर्क जैसे बिल्कुल नए क्षेत्रों को पेश करता है।
मोदी ने कहा, “यह पहली बार है जब हमारे देश व्यापक दस्तावेज-ब्रिक्स आर्थिक साझेदारी की रणनीति-पर बातचीत कर उसे अंतिम रूप दे रहे हैं, जिसमें विभिन्न मंत्रियों के लिए जिम्मेदारी तय की गई है और जिसमें उच्च-स्तरीय समन्वय की जरूरत बताई गई है।”
आपात भंडार व्यवस्था के जरिए सदस्य देश आपस में अपने स्थानीय मुद्रा व्यापार कर सकेंगे तथा ग्रीस कर्ज संकट और चीन के शेयर बाजारों गिरावट से पैदा हुई आर्थिक सुस्ती की आशंका से इसका महत्व बढ़ गया है।
मोदी ने ब्रिक्स देशों के वार्षिक व्यापार मेले का भी प्रस्ताव रखा और कहा, “मैं वार्षिक ब्रिक्स व्यापार मेले का प्रस्ताव रखता हूं। भारत को पहले ब्रिक्स व्यापार मेले की मेजबानी करने में खुशी होगी।”
मोदी ने हिंदी में दिए गए अपने भाषण में कहा कि आपसी सहयोग कौशल विकास को भी मजबूती देगा।
उन्होंने कहा कि ब्रिक्स नवीन विकास बैंक एक वास्तविकता होने जा रहा है और एक भारतीय केवी कामत इसके पहले अध्यक्ष बने हैं।
उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों के बीच सीमा-शुल्क की व्यवस्था भी व्यापार को बढ़ावा देने में बड़ा कदम साबित होगी।
ब्रिक्स देशों की जनसंख्या करीब तीन अरब है, जो कि विश्व की जनसंख्या का 40 फीसदी है और इसकी संयुक्त सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) 16,039 अरब डॉलर है, जो कि विश्व की जीडीपी का 20 फीसदी है।
रूस का बाशकोर्तोस्तान गणराज्य सातवें ब्रिक्स और 15वें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक का आयोजन कर रहा है, जहां दो बैठकों में 10,000 प्रतिनिधियों के पहुंचने की संभावना है।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में 100 अरब डॉलर के ब्रिक्स नवीन विकास बैंक और एक अन्य 100 अरब डॉलर के मुद्रा भंडार को औपचारिक मान्यता दी जाएगी।