लंदन, 24 जून (आईएएनएस)। ब्रिटेन ने यूरोपीय संघ (ईयू) से बाहर निकलने के पक्ष में मतदान किया है। ईयू में बने रहने के प्रबल हिमायती प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने पद छोड़ने की घोषणा की है।
ब्रिटेन के इस कदम से पाउंड 1985 के बाद से डॉलर के मुकाबले अपने अब तक के निचले स्तर पर लुढ़क गया। यूरो में भी तेज गिरावट का रुख है। गुरुवार को हुए ऐतिहासिक जनमत संग्रह के नतीजों से ईयू से ब्रिटेन का 43 वर्ष पुराना रिश्ता समाप्त हो चला है।
इंग्लैंड और वेल्स ने ईयू से निकलने के पक्ष में मतदान किया, जबकि लंदन, स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड ईयू में बने रहने के समर्थक हैं। ब्रिटेन की इंडिपेंडेंस पार्टी के नेता नाइजल फारेज ने इन नतीजों की तुलना देश के स्वतंत्रता दिवस के रूप में की।
‘ब्रेक्सिट’ के पक्ष में 51.9 प्रतिशत मतदान, जबकि ‘रीमेन’ के पक्ष में 48.1 प्रतिशत मतदान हुआ।
नतीजों के बाद कैमरन ने अपनी हार स्वीकार की और अक्टूबर तक पद छोड़ देने की घोषणा की।
कैमरन ने डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर कहा, “ब्रिटेन के लोगों ने अलग रास्ता चुना है। इसलिए उन्हें नए प्रधानमंत्री की जरूरत है।”
उन्होंने कहा कि वह आगामी महीनों में देश में स्थिरता लाने का हरसंभव प्रयास करेंगे। देश को अक्टूबर में कंजरवेटिव पार्टी के सम्मेलन शुरू होने से पहले नए प्रधानमंत्री का चुनाव करने का लक्ष्य रखना चाहिए।
फारेज ने समर्थकों से कहा कि यह आम लोगों, सभ्य लोगों की जीत है।
गौरतलब है कि 28 सदस्यीय यूरोपीय संघ से बाहर निकलने वाला ब्रिटेन पहला देश है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह तत्काल ही इस समूह से बाहर निकल जाएगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रक्रिया में दो वर्ष तक का समय लग सकता है।
ईयू से ब्रिटेन के बाहर निकलने का समर्थन कर रहे लोग चार महीनों तक इस मुद्दे पर वाद-विवाद करते रहे। यह उचित समय है, जब देश अपने आंतरिक मामलों को स्वयं सुलझाए।
यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के मुद्दे पर गुरुवार को हुए जनमत संग्रह में 71.8 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 1992 के बाद ब्रिटेन में हुआ अब तक का सर्वाधिक मत-प्रतिशत है। इस दौरान तीन करोड़ से अधिक लोगों ने मतदान किया।
समाचार पत्र ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ की रपट के मुताबिक, शुक्रवार को पाउंड अपने तीन दशकों के निचले स्तर पर 11 प्रतिशत तक लुढ़क गया।
डच फ्रीडम पार्टी के नेता ग्रीट विल्डर्स का कहना है कि अब समय नीदरलैंड्स में जनमत संग्रह का है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “ब्रिटिश को बधाई! अब नीदरलैंड्स में जनमत संग्रह का समय है।”
फ्रांस की फ्रंट नेशनल पार्टी की नेता मैरिन ली पेन ने भी फ्रांस में समान जनमत संग्रह की मांग की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “अब ब्रेक्सिट से फ्रेक्सिट की बारी है। अब हमारे देश में लोकतंत्र की बहाली का समय है। फ्रांस को भी चुनने का अधिकार होना चाहिए।”
जर्मनी के विदेश मंत्री फ्रैंक वाल्टर स्टीनमीयर ने इसे ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के लिए निराशाजनक दिन बताया है।
भारत के वित्तमंत्री अरुण जेटली और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने बाजारों और निवेशकों को संयमित एवं शांत रहने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि भारत को डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था अन्य संकेतकों के साथ बुनियादी तौर पर मजबूत बनी हुई है।
जेटली ने बीजिग से ट्वीट कर कहा, “हम ब्रेक्सिट नतीजों से छोटी अवधि और मध्यमावधि के प्रभावों से निपटने को पूरी तरह तैयार हैं।”
राजन ने कहा, “निवेशक रुपये को लेकर चिंतित न हों। हमारा विदेशी पूंजी भंडार अच्छा है। हमें जब जरूरत हो, हम इसका उपयोग कर सकते हैं।”