ज्यूरिख, 21 दिसम्बर (आईएएनएस)। फुटबाल की विश्व नियामक संस्था फीफा की एथिक्स कमिटी ने सोमवार को अध्यक्ष सेप ब्लाटर और यूरोपियन फुटबाल संघ यूईएफए के अध्यक्ष माइकल प्लाटिनी पर लगे अस्थायी प्रतिबंध को आठ-आठ वर्ष के लिए बढ़ा दिया।
दोनों फीफा अधिकारियों पर यह प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया गया है।
इसका आशय है कि प्लाटिनी की अगले वर्ष 26 फरवरी को होने वाले फीफा अध्यक्ष पद के लिए दावेदार अंतिम रूप से समाप्त हो गई।
2011 में फीफा की ओर से प्लाटिनी को 13 लाख पाउंड के अवैध भुगतान के मामले में दोनों फीफा अधिकारियों को दोषी पाया गया। इससे पहले अक्टूबर में प्लाटिनी और ब्लाटर पर 90 दिन का अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया था।
दोनों फीफा अधिकारी हालांकि समय-समय पर अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते रहे हैं।
आरोपों पर दोनों का कहना है कि जो भी पैसों का लेनदेन हुआ है वह 1998 में किए गए एक अनुबंध के संबंध में हुआ था तब प्लाटिनी, ब्लाटर के तकनीकी सलाहकार थे।
प्लाटिनी ने विरोध स्वरूप सुनवाई का बहिष्कार भी किया।
ब्लाटर 1998 से फीफा के अध्यक्ष हैं। इसी वर्ष मई में लगातार पांचवीं बार अध्यक्ष चुने जाने के कुछ ही दिन बाद उन्होंने भ्रष्टाचार के व्यापक आरोपों के चलते इस्तीफे की घोषणा कर दी और अगले साल 26 फरवरी को होने वाले फीफा के अगले अध्यक्ष पद के चुनाव में न खड़ा होने की इच्छा भी जताई।
फीफा ने अपने बयान में कहा, ” ब्लाटर ने फीफा अध्यक्ष रहते हुए प्लाटिनी के जिस भुगतान को मंजूरी दी उसका दोनों के बीच 25 अगस्त 1999 को हुए अनुबंध में कोई कानूनी जिक्र नहीं है। ना ही अपने बयान में और ना ही सुनवाई के दौरान ब्लाटर किए गए लेनदेन को सही ठहरा पाए। उनके मौखिक बयान को समिति ने खारिज कर दिया।”
बयान में आगे कहा गया, “समिति के समाने जो भी सबूत पेश किए गए वे यह साबित करने में असमर्थ पाए गए कि भुगतान किसी आधिकारिक कार्य के लिए किया गया था।”
प्लाटिनी को फीफा का भविष्य का नेता माना जा रहा था और उम्मीद थी की वह अगले साल फरवरी में होने वाले फीफा अध्यक्ष का चुनाव भी लड़ सकते हैं।
प्लाटिनी 2007 से यूईएफए के अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं।
दोनों फीफा अधिकारियों का कहना है कि वे प्रतिबंध के खिलाफ खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) में अपील करेंगे।
फैसले के बाद प्लाटिनी ने कहा कि वह अभी शांति चाहते हैं। वहीं ब्लाटर ने कहा कि उन्हें इस मामले में खिलौने की तरह इस्तेमाल किया गया है।
अपने प्रतिबंध पर ब्लाटर ने कहा, “मैं अपने लिए और फीफा के लिए लड़ूंगा। मैंने अपने वकील से बात की है। इस समिति को फीफा के अध्यक्ष के खिलाफ आदेश सुनाने का कोई अधिकार नहीं है। सिर्फ फीफा कांग्रेस के पास ही अध्यक्ष को हटाने या प्रतिबंधित करने का अधिकार है। मुझे अफसोस है लेकिन मैं शर्मिदा नहीं हूं।”
अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारते हुए उन्होंने कहा, “मैंने कभी भ्रष्टाचार नहीं किया। मैंने यूरोप को वोटों के बदले पैसे नहीं दिए थे। यूरोप के वोट पहले से ही मेरे पक्ष में थे।”
फीफा में भ्रष्टाचार के मामले में अमेरिकी न्याय विभाग के अधिकारियों ने 39 फुटबाल अधिकारियों और फुटबाल से जुड़ी कंपनियों के अधिकारियों को आरोपी बनाया है।
स्विस अधिकारी भी रूस और कतर में होने वाले फीफा विश्व कप 2018 और 2022 की मेजबानी के अधिकारों की जांच कर रहे हैं।