Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 भारतीय तीरंदाज अहम क्षणों में मनोबल कायम नहीं रख पाए : मल्होत्रा | dharmpath.com

Friday , 13 June 2025

Home » खेल » भारतीय तीरंदाज अहम क्षणों में मनोबल कायम नहीं रख पाए : मल्होत्रा

भारतीय तीरंदाज अहम क्षणों में मनोबल कायम नहीं रख पाए : मल्होत्रा

कोलकाता, 31 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) के अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय तीरंदाज आज जितनी ख्याति पहले कभी अर्जित नहीं कर सके थे, हालांकि मानसिक दृढ़ता की कमी की वजह से वे अपने लक्ष्य से चूकते रहे हैं।

कोलकाता, 31 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) के अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय तीरंदाज आज जितनी ख्याति पहले कभी अर्जित नहीं कर सके थे, हालांकि मानसिक दृढ़ता की कमी की वजह से वे अपने लक्ष्य से चूकते रहे हैं।

हाल ही में कोपेनहेगेन में संपन्न हुए तीरंदाजी विश्व चैम्पियनशिप में भारतीय तीरंदाजों ने अपनी चमक बिखेरी।

रजत चौहान ने पुरुष कंपाउंड वर्ग से रजत पदक जीत चैम्पियनशिप में भारत का खाता खोला और उसके बाद महिला रिकर्व टीम ने भी चैम्पियनशिप में अपर्ना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए रजत पदक पर कब्जा जमाया।

पोलैंड के रोक्लॉ में हुए तीरंदाजी विश्व कप में भारतीय तीरंदाजों का प्रदर्शन शानदार रहा। भारत ने विश्व कप में चार पदक हासिल किए, जिसमें अभिषेक वर्मा द्वारा कंपाउंड व्यक्तिगत पुरुष वर्ग में जीता गया स्वर्ण पदक शामिल है।

इन सबके बीच हालांकि भारतीय तीरंदाज कई मौकों पर स्वर्ण हासिल करने का मौका गंवा बैठे। एएआई के अनुसार भारतीय तीरंदाज मानसिक दृढ़ता कायम न रख पाने के कारण आमने-सामने के मुकाबले में बेहतर नहीं कर पाए।

मल्होत्रा ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा, “हमें ऐसा लगता है कि लंबे अनुभव और विश्व रैंकिंग में ऊंचे पायदान पर होने के बावजूद एकल मुकाबलों का दबाव झेलने के लिए हमारे तीरंदाजों में मानसिक दृढ़ता का अभाव है। रजत पदक को स्वर्ण में बदलने के लिए तीरंदाजों को पूर्व की गलतियों से सीख लेते हुए मानसिक तौर पर तैयार रहना होगा और मनोबल ऊंचा रखना होगा।”

पिछले चार दशक से भारतीय तीरंदाजी से जुड़े मल्होत्रा ने कहा, “तीरंदाजी काफी हद तक दिमाग से खेला जाने वाले खेल है, जिसमें थोड़ी भाग्य की भी जरूरत होती है। आप मानसिक तौर पर कितने मजबूत हैं इससे काफी फर्क पड़ता है। शीर्ष प्रतियोगिताओं में मानसिक तौर पर मजबूत होना अंतर पैदा करता है।”

मल्होत्रा ने कहा, “उन्हें आत्मविश्वास में इजाफा करने, एकाग्रता बढ़ाने और मानसिक दृढ़ता हासिल करने के लिए एक श्रेष्ठ मनोचिकित्सक और योग प्रशिक्षक की जरूरत है।”

इस दिशा में एएआई द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में उन्होंने कहा, “इस परेशानी से निपटने के लिए एएआई ने खेल मंत्रालय की मदद से तथा अमेरिका के लॉरेंजो के मार्गदर्शन में प्रशिक्षकों के साथ एक ‘मेंटल टफनेस’ कार्यक्रम का आयोजन किया है।”

योग गुरु बाबा रामदेव की सेवा लेने के बारे में हालांकि मल्होत्रा ने कोई टिप्पणी नहीं की।

मल्होत्रा ने साथ ही प्रायोजकों की कमी, उपकरणों के महंगा होने, उपकरणों की अनुपलब्धता और बुनियादी ढांचे में कमी को भी इसके पीछे मुख्य वजह बताया।

मल्होत्रा का हालांकि मानना है कि देश में तीरंदाजी प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है और जरूरत ऐसी प्रतिभाओं को खोजकर उन्हें उचित सुविधाएं एवं वैज्ञानिक मदद प्रदान कर उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर के तीरंदाज में विकसित करने की है।

भारतीय तीरंदाज अहम क्षणों में मनोबल कायम नहीं रख पाए : मल्होत्रा Reviewed by on . कोलकाता, 31 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) के अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय तीरंदाज आज जितनी ख्याति पहल कोलकाता, 31 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) के अध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय तीरंदाज आज जितनी ख्याति पहल Rating:
scroll to top