रुपेश दत्ता
रुपेश दत्ता
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। इसी महीने होने वाले भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन के दौरान भारत और नामीबिया की द्विपक्षीय बातचीत में मजबूत सुरक्षा तंत्र, शांति अभियान और प्रभावी आतंकवाद रोधी व्यवस्था में सहयोग के मुद्दे पर चर्चा होगी।
नामीबिया के उच्चायुक्त पिअस दुनैस्की ने आईएएनएस से खास मुलाकात में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उनका देश चाहता है कि उसके रक्षा तंत्र को विकसित करने के लिए भारत नामीबियाई सैन्य अफसरों को प्रशिक्षित करे। नामीबिया की थल, वायु और नौसेना को उन आधुनिक तकनीकों के बारे में प्रशिक्षित करे जिनका इस्तेमाल अन्य देश कर रहे हैं।
दुनैस्की ने कहा, “नामीबिया की वायुसेना को स्थापित करने में भारत ने बड़ी भूमिका निभाई है। सच यह है कि पहला हेलीकाप्टर हमने भारत से ही खरीदा था। नामीबिया के रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों को शिक्षित-प्रशिक्षित करने में भी भारत ने मदद दी है लेकिन हम अब चाहते हैं कि इस प्रशिक्षण को और बढ़ाया जाए।”
जर्मनी और अंगोला के लिए भी नामीबिया के राजनयिक की भूमिका निभाने वाले दुनैस्की (58) ने कहा, “आतंकवाद विरोधी क्षमता और शांति अभियानों की रणनीति भारत की दौलत हैं। इन दोनों ही मामलों में नामीबिया बहुत अधिक मदद पा सकता है।”
उन्होंने यह माना कि नामीबिया किसी तरह के आतंकवाद से जूझ नहीं रहा है। लेकिन, दुनैस्की ने कहा, “दुनिया आज एक वैश्विक गांव बन चुकी है। कोई नहीं जानता कि कब कहां क्या हो जाए। इसलिए अच्छा है कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए इंजताम पहले से ही किया जाए। भारत के पास एक शानदार आतंकवाद रोधी व्यवस्था है। शांति अभियान भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि दुनिया अलग-अलग देशों में शांति अभियानों में भारत की भूमिका से वाकिफ है।”
कई अफ्रीकी देश, खासकर नाईजीरिया इस्लामी आतंकवादी संगठन बोको हराम और इस्लामिक स्टेट (आईएस) के शिकार हैं। 2014 के आखिरी में आईएस ने एक नक्शा जारी किया था जिसमें उसने उन देशों में अपनी मौजूदगी दिखाई थी जिन पर वह कब्जा करना चाहता है। इनमें सभी अरब देश और आधा अफ्रीका शामिल थे।
दुनैस्की ने कहा, “आधारभूत ढांचा, कृषि, औद्योगिकरण और सबसे बढ़कर खनन का क्षेत्र, ये वे मुख्य मुद्दे हैं जिन पर नामीबिया का प्रतिनिधिमंडल अपने भारतीय समकक्षों से बातचीत करेगा। खासकर कृषि पर क्योंकि कृषि में जो तकनीक भारतीय इस्तेमाल करते हैं, उन्हें अफ्रीकी आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि खनन नामीबियाई अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। उन्होंने कहा कि हीरा, जस्ता और सोने के खनन पर भी बात होगी।
उन्होंने कहा कि नामीबिया अपने यहां निवेश बढ़ाने के लिए “विजन-2030” कार्यक्रम पर अमल कर रहा है। उन्होंने कहा कि बातचीत में नामीबिया में भारतीय निवेश को बढ़ाने पर चर्चा होगी।
भारत और नामीबिया के बीच हुए समझौतों में नामीबिया से भारत के परमाणु संस्थाओं के लिए यूरेनियम मिलना भी शामिल है। दुनैस्की ने कहा कि इससे भारत को अपनी बिजली की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।