नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच यहां हुई बातचीत के बाद भारत और जर्मनी ने सोमवार को 18 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए।
इनमें से एक समझौता सुरक्षा सहयोग पर है, जबकि दूसरा जर्मन और आधुनिक भारतीय भाषाओं का एक-दूसरे देशों में प्रचार-प्रसार से संबंधित है।
मोदी ने मर्केल के साथ यहां तीसरे अंतर-सरकारी वार्ता (आईजीसी) के बाद अपने वक्तव्य में आईजीसी को विशिष्ट बताया और कहा कि इससे संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में मदद मिली है।
उन्होंने कहा, “भारत के आर्थिक उत्थान के अपने सपने को साकार करने में हम जर्मनी को स्वाभावित मित्र के रूप में देखते हैं। जर्मनी की ताकत और भारतीय प्राथमिकता एक-दूसरे से जुड़ी हुई है।”
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की कई मुद्दों पर समान राय है और स्वच्छ ऊर्जा तथा जलवायु परिवर्तन से निपटने में आपसी सहयोग तेजी से बढ़ रहा है।
दोनों पक्षों में जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए भारत-जर्मन जलवायु और नवीकरणीय गठबंधन को लेकर सहमति बनी। मोदी ने भारत की स्वच्छ ऊर्जा गलियारा परियोजना और सौर परियोजना दोनों के लिए एक अरब यूरो से अधिक (प्रत्येक) सहयोग करने के लिए जर्मनी को धन्यवाद दिया।
मोदी ने कहा, “हम पेरिस में होने वाले कॉन्फरेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी21) में ठोस निष्कर्ष निकलने की उम्मीद करते हैं।”
उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष रक्षा विनिर्माण, उच्च प्रौद्योगिकी में व्यापार, खुफिया जानकारी, आतंकवाद और चरमपंथ से निपटने में सहयोग बढ़ाएंगे।
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्था में भारत की सदस्यता को समर्थन देने के लिए भी जर्मनी को धन्यवाद दिया।
मोदी ने कहा, “जैसा कि हमने न्यूयार्क में 4जी सम्मेलन में बात की थी, चांसलर और मैं संयुक्त राष्ट्र और खासकर सुरक्षा परिषद के सुधार पर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
उन्होंने मां दुर्गा की 10वीं सदी की एक प्रतिमा लौटाने के लिए भी मर्केल को धन्यवाद दिया। यह जम्मू एवं कश्मीर की प्रतिमा है और इसमें माता का महिषासुरमर्दिनी रूप दिखाया गया है।
मोदी ने कहा कि यह प्रतिमा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
उन्होंने कहा, “यह प्रतिमा यह भी बताती है कि बदलाव और अनिश्चितता के इस युग में भारत-जर्मनी की साझेदारी दुनिया के लिए अच्छाई की ताकत होगी।”
मर्केल ने अपने बयान में कहा कि दोनों पक्षों में इतने समझौते होना हमारे सक्रिय संबंधों का गवाह है। मर्केल ने कहा कि 1,500 से अधिक जर्मन कंपनियां भारत में काम कर रही हैं और कई और यहां कारोबार शुरू करना चाहती हैं।
उन्होंने जर्मन कंपनियों के लिए प्रक्रिया में तेजी लाने से संबंधित समझौते की भी सराहना की। उन्होंने कहा, “लाइसेंस देने की प्रक्रिया तेज हुई है। यह अच्छी बात है।”
मर्केल ने कहा कि जर्मनी भारत को गांवों के टिकाऊ विकास में मदद कर सकता है।
सुरक्षा परिषद के विस्तार पर उन्होंने कहा कि जी4 देश इसमें जगह पाने की कोशिश कर रहे हैं।
दोनों देशों में सुरक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इसके अलावा दोनों पक्षों ने सौर ऊर्जा साझेदारी, कौशल विकास और पेशेवर शिक्षा तथा प्रशिक्षण में सहयोग, रेलवे और आपदा प्रबंधन में सहयोग के लिए भी एमओयू पर हस्ताक्षर किए।