उच्च प्रबंधन की ओर से सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को सलाह दी गई है कि भूकंप की आपदा जब तक समाप्त न हो जाए तब तक वह अवकाश पर न जाएं।
हाईअलर्ट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीएसएनएल के सीएमडी अनुपम श्रीवास्तव स्वयं सर्किल के मुख्य महाप्रबंधक एच.आर. शुक्ल से प्रत्येक दो घंटे में बात करके नेटवर्क की जानकारी ले रहे हैं।
शनिवार और रविवार को आए भूकंप के बाद बीएसएनएल सहित सभी संचार कम्पनियों की पोल खुल गई थी। भूकंप आने के तत्काल बाद जब लोगों ने अपने परिजनों का हाल लेने के लिए उनका मोबाइल मिलाया तो मोबाइल ने हाथ ही नहीं रखने दिया।
मोबाइल पर नंबर मिलाते-मिलाते बैट्री कम हो गई, लेकिन नंबर नहीं मिला। अधिकतर उपभोक्ता दो घंटे तक के लिए नेटवर्क से दूर हो गए। भूकंप जैसी आपदा के बाद परिजनों की कुशल क्षेम न मिलने से लोग परेशान हो गए थे। दो घंटे के बाद नेटवर्क कुछ सामान्य हुआ तभी उपभोक्ताओं को अपने परिजनों की कुशलता की खबर मिल सकी थी।
मोबाइल सेवा के अधिकारियों ने इसका कारण यह बताया था कि सभी लोग एक दूसरे का हाल जानने के लिए फोन करने का एक साथ प्रयास कर रहे थे। मोबाइल कम्पनियों के अधिकारियों का कहना था कि 12 बजे से दो बजे तक मोबाइल नेटवर्क पर सामान्य से चार गुना अधिक दबाव था। क्षमता से कई गुना अधिक प्रयोग होना ही नेटवर्क ध्वस्त होने का कारण बना।
आपातकाल में नेटवर्क ध्वस्त होने के बाद से बीएसएनएल प्रशासन अलर्ट हो गया है। सीजीएम ने सभी अधिकारियों व मोबाइल सेवा के एक्सपर्ट कर्मचारियों को बीटीएस के रखरखाव में लगा दिया है।
भूकंप के बाद भारत से नेपाल की जाने वाली कालों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है, लेकिन उपभोक्ताओं की शिकायत है कि नेपाल की जाने वाली कॉल पर बात नहीं हो पा रही है। यह समस्या बीएसएनएल के साथ ही एयरटेल, वोडाफोन, रिलायंस, आइडिया सहित सभी संचार कंपनियों के नेटवर्क के साथ आ रही है।