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 मकर-संक्रांति 2023 | dharmpath.com

Tuesday , 17 June 2025

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मकर-संक्रांति 2023

January 10, 2023 10:13 pm by: Category: धर्म-अध्यात्म Comments Off on मकर-संक्रांति 2023 A+ / A-

(Makar Sankranti 2023) मकर संक्रांति से सूर्य देव उत्तरायण हो जाते हैं। हिंदू धर्म की अनुसार, सूर्य का उत्तर दिशा की ओर गमन उत्तरायण कहलाता है। उत्तरायण का अर्थ है उत्तर की ओर गमन। पंचांग के अनुसार, मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी इसकी शुरुआत होती है।ज्योतिषीय मान्यताओं का अनुसार, इस दौरान सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं। हिंदू धर्म में सूर्य का दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर गमन करना बेहद शुभ माना गया है। मान्यता है कि जब सूर्य पूर्व से दक्षिण की ओर चलता है, इस दौरान सूर्य की किरणों को खराब माना गया है, लेकिन जब सूर्य पूर्व से उत्तर की ओर गमन करने लगता है, तब उसकी किरणें सेहत और शांति को बढ़ाती हैं। उत्तरायण के बाद ऋतु और मौसम में परिवर्तन होने लगता है। इसके फलस्वरूप शरद ऋतु यानी ठंड का मौसम धीरे-धीरे समाप्त होने लगता है। उत्तरायण की वजह से रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं। जब सूर्य उत्तरायण होता है तो यह तीर्थ और उत्सवों का समय होता है। मकर संक्रांति का पर्व पूरे देश में मनाया जाता है। हर राज्य में इससे जुड़ी अलग परंपराएं और मान्यताएं हैं। धार्मिक महत्व के साथ ही यह त्योहार पतंगबाजी के लिए जाना जाता है। गुजरात में पतंगबाजी का खासा उत्साह देखने को मिलता है। गुजरात और महाराष्ट्र में यह त्योहार उत्तरायण के नाम से मनाया जाता है। मान्यता है कि उत्तरायण काल शुभ फल देने वाला होता है। उत्तरायण को देवताओं का दिन कहा जाता है इसलिए इस काल में नए कार्य, यज्ञ व्रत, अनुष्ठान, विवाह, मुंडन जैसे कार्य करना शुभ माना जाता है। उत्तरायण के मौके पर गंगा और यमुना नदी में स्नान का बड़ा महत्व है। गुजरात में उत्तरायण के मौके पर पतंग उत्सव मनाया जाता है। इस दिन तिल और गुड़ से बने व्यंजन बनाए जाते हैं। उनका दान किया जाता है। सर्दी के इस मौसम में तिल खाने का वैज्ञानिक महत्व भी है। तिल और गुड़ गर्म तासीर के होते हैं।

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