कोलंबो, 9 जुलाई (आईएएनएस)। श्रीलंका की एक विपक्षी पार्टी ने एक अज्ञात अंतर्राष्ट्रीय समूह पर राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना तथा पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बीच बने नए गठबंधन को तोड़ने के प्रयास का गुरुवार को आरोप लगाया।
सिरिसेना तथा राजपक्षे ने अगस्त में हुए संसदीय चुनाव में अपनी पार्टी की विजय की दिशा में साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है। राजपक्षे ने सिरिसेना के नेतृत्व वाले युनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम अलायंस (यूपीएफए) के तहत नामांकन भरा है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की एक रपट के मुताबिक, नेशनल फ्रीडम फ्रंट (एनएफएफ) के नेता विमल वीरावांसा तथा पूर्व राष्ट्रपति के एक नजदीकी सहयोगी ने संवाददाताओं से कहा कि गठबंधन का विरोध करने वाले कुछ लोगों ने यूपीएफए में घुसपैठ कर पार्टी को तोड़ने का प्रयास किया है।
वीरावांसा ने कहा, “कुछ स्थानीय तथा विदेशी समूह राष्ट्रपति तथा महिंदा राजपक्षे के बीच गठबंधन को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं और इनमें से कुछ सदस्य यूपीएफए में ही मौजूद हैं। ये सदस्य इस गठबंधन के खिलाफ हैं और इसे तोड़ने में जी जान से जुटे हैं।”
उन्होंने कहा, “राजपक्षे के समर्थक के रूप में हम राष्ट्रपति सिरिसेना के समर्थन में देश को सही रास्ते पर रखने के प्रयास में लगे हैं। दोनों नेताओं के इस मजबूत गठबंधन से देश को लाभ होगा।”
वीरावांसा ने भी इस बात की पुष्टि की कि राजपक्षे ने 17 अगस्त को होने वाला संसदीय चुनाव लड़ने के लिए गुरुवार को नामांकन पत्र पर हस्ताक्षर किया है।
राजपक्षे उत्तर-पश्चिम श्रीलंका के कुरुनेगाला जिले से चुनाव लड़ेंगे। वीरावांसा ने कहा कि चुनाव के बाद नई सरकार बनाने के प्रति विपक्ष आश्वस्त है।