नई दिल्ली, 26 जून (आईएएनएस)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने शुक्रवार को कहा कि यह गहरी चिंता का विषय है कि महाराष्ट्र के मालेगांव में वर्ष 2008 में हुए विस्फोट की घटना में शामिल लोगों के खिलाफ लगे अभियोग को दबाने की कोशिश की जा रही है।
माकपा ने बयान जारी कर कहा, “2008 मालेगांव मालमे में अभियोजन पक्ष की विशेष वकील रोहिणी सालियान के खुलासे के मुताबिक, उन पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी के एक अधिकारी मुद्दे पर नरमी बरतने का दबाव बना रहे थे, जो कि गहरी चिंता का विषय है।”
माकपा के अनुसार, “मालेगांव मामला मक्का मस्जिद विस्फोट, समझौता एक्सप्रेस विस्फोट, अजमेर शरीफ विस्फोट और मदोसा विस्फोट की श्रृंखला में एक है, जो देश में बड़ी आतंकवादी घटनाएं रही हैं।”
बयान के अनुसार, “ये हमले हिंदुत्व चरमपंथी संगठन ने किया, जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए थे। सालियान के संकेत के अनुसार, मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इस घटना को दबाने की बड़ी कोशिश की गई।”
माकपा के मुताबिक, “इन मामलों से जुड़ी कानूनी तथा न्यायिक प्रक्रिया में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।”