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 मुंबई एकदिवसीय : भारत के सामने इतिहास की सबसे बड़ी परीक्षा (लीड-1) | dharmpath.com

Monday , 9 June 2025

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मुंबई एकदिवसीय : भारत के सामने इतिहास की सबसे बड़ी परीक्षा (लीड-1)

मुंबई, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। वानखेड़े स्टेडियम में चल रहे पांचवें एकदिवसीय मुकाबले में दक्षिण अफ्रीकी टीम ने कई रिकॉर्ड ध्वस्त करते हुए भारत के सामने 439 रनों की विशालकाय लक्ष्य रखा है।

भारत की धरती पर किसी भी टीम की ओर से और भारत के खिलाफ किसी भी टीम द्वारा बनाया गया यह सबसे बड़ा स्कोर है।

मतलब क्रिकेट के इतिहास में भारत के सामने सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा।

दक्षिण अफ्रीकी टीम के लिए अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय के अपने ही रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए तीन बल्लेबाजों ने शतक लगाए। क्विंटन डी कॉक (109), फॉफ डू प्लेसिस (133) और कप्तान अब्राहम डिविलियर्स (119) की नायाब पारियों की बदौलत दक्षिण अफ्रीकी टीम ने 50 ओवरों में चार विकेट पर 438 रनों का विशालकाय स्कोर खड़ा कर लिया।

टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी मेहमान टीम का पहला विकेट हाशिम अमला (23) के रूप में चौथे विकेट की आखिरी गेंद पर 33 के कुल योग पर गिर गया।

अमला ने मात्र 13 गेंदों की अपनी पारी में पांच चौके लगाए और अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय के इतिहास में सर्वाधिक तेजी से 6000 रन पूरे करने वाले बल्लेबाज बन गए। उनके बाद इस क्रम में कोहली का नंबर आता है। अमला ने 6000 रन पूरी करने में कोहली से पूरे छह पारियां कम लीं।

लेकिन अमला दक्षिण अफ्रीका को जो लय दी उसे डी कॉक के साथ डू प्लेसिस ने और गति प्रदान की।

डी कॉक और डू प्लेसिस ने 6.74 के औसत से 154 रन बटोरते हुए दक्षिण अफ्रीका को ठोस स्थिति में पहुंचा दिया।

डी कॉक और डू प्लेसिस जब तक क्रीज पर रहे चौकों की मदद से तेजी से रन बटोरते रहे। लेकिन डी कॉक के पवेलियन लौटने के बाद प्लेसिस का साथ देने उतरे डिविलियर्स ने तो जैसे रनों की गति तो तूफानी अंदाज दे दिया।

डी कॉक ने 87 गेंदों की पारी में 17 चौके और एक छक्के लगाए। डी कॉक का कैच सुरेश रैना की गेंद पर विराट कोहली ने लपका।

डिविलियर्स के क्रीज पर उतरने के बाद दक्षिण अफ्रीकी टीम चौकों की बजाय छक्कों में रन बनाने लगी। डिविलियर्स और प्लेसिस ने मात्र 17.1 ओवरों में 9.55 के औसत से 164 रन जोड़ डाले और दक्षिण अफ्रीकी टीम 41वें ओवर में ही 300 का स्कोर पार कर चुकी थी।

मुंबई की गर्मी और उमस भरे माहौल में शतकीय पारी खेलते हुए डू प्लेसिस पैर में खिंचाव के बावजूद चौकों, छक्कों की झड़ी लगाते रहे। अंतत: 115 गेंदों में नौ चौके और छह छक्के लगाकर रिटायर्ड हो वह पवेलियन लौटे।

प्लेसिस के लौटने के बाद रनों को हवा देने की जिम्मेदारी डिविलियर्स ने संभाली और 59 गेंदों पर करियर का 23वां शतक पूरा कर लिया। 398 के कुल योग पर भुवनेश्वर के हाथों अपना विकेट गंवाने से पहले डिविलियर्स ने 61 गेंदों में तीन चौके और 11 छक्के जड़े।

दक्षिण अफ्रीकी टीम ने आखिरी के 12 ओवरों में 169 रन जोड़े।

भारत के लिए मोहित शर्मा सबसे महंगे गेंदबाज साबित हुए, जबकि तीन ओवरों में 19 रन देने वाले रैनी सबसे किफायती रहे। मोहित, रैना, हरभजन सिंह और भुवनेश्वर कुमार को एक-एक विकेट मिला।

पांच मैचों की श्रृंखला का यह आखिरी और निर्णायक मैच है।

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