नई दिल्ली, 29 सितंबर (आईएएनएस)। अपने परिवार के कमाई करने वाले एकमात्र सदस्य पटेल उन 59 लोगों में शामिल हैं, जो पिछले पांच वर्षो के दौरान मेट्रो के सामने छलांग लगाकर खुदकुशी करने की कोशिश में अपाहिज हो गए।
नई दिल्ली, 29 सितंबर (आईएएनएस)। अपने परिवार के कमाई करने वाले एकमात्र सदस्य पटेल उन 59 लोगों में शामिल हैं, जो पिछले पांच वर्षो के दौरान मेट्रो के सामने छलांग लगाकर खुदकुशी करने की कोशिश में अपाहिज हो गए।
पटेल को दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के अधिकारियों की त्वरित प्रतिक्रिया के कारण बचा लिया गया।
आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर इस अवधि में 450 से अधिक लोगों ने चलती मेट्रो के सामने कूदकर जान देने की कोशिश की, जिनमें से 50 की मौत भी हो गई।
सीआईएसएफ के आंकड़े बताते हैं कि पिछले दो वर्षो के दौरान ही मेट्रो पर खुदकुशी की 200 कोशिशों को नाकाम किया गया।
पेशे से मजदूर पटेल की जान तो बच गई, हालांकि उनका जीवन पहले से और दूभर ही हो गया, क्योंकि हादसे में उन्हें अपना दाहिना पैर गंवाना पड़ा।
पारिवारिक कलह से परेशान पटेल 17 मई की दोपहर उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित गोल्फ कोर्स मेट्रो स्टेशन गए और चलती ट्रेन के आगे कुदकर खुदकुशी की कोशिश की।
अब उनकी पत्नी को सात सदस्यों वाले परिवार के भरण-पोषण के लिए दूसरों के घर बर्तन मांजना पड़ता है।
पटेल ने आईएएनएस से कहा, “खुदकुशी की कोशिश करना मेरे जीवन की सबसे बड़ी भूल थी। अपने परिवार को कमाकर लाने वाला मैं एकमात्र व्यक्ति था। मेरी इस गलती के कारण अब मेरी पत्नी को दूसरों के घर बर्तन मांजना पड़ता है।”
सीआईएसएफ के आंकड़ों के मुताबिक, इसी वर्ष जनवरी से सितंबर के बीच मेट्रो परिसर के अंदर आत्महत्या की 70 कोशिशें की गईं। इन घटनाओं में 14 व्यक्तियों की मौत हो गई, जबकि 18 लोगों को गंभीर चोटें आईं और अपना कोई न कोई अंग गंवाना पड़ा। हालांकि 13 व्यक्तियों को सुरक्षित बचा भी लिया गया।
मेट्रो परिसर के भीतर लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ पर ही है। सीआईएसएफ ने बताया कि उन्होंने अपने जवानों को ऐसे लोगों की पहचान करने का प्रशिक्षण दिया गया है, जो खुदकुशी करने के बारे में सोच रहे हों।
सीआईएसएफ के जनसंपर्क अधिकारी हेमेंद्र सिंह ने आईएएनएस से कहा, “हम स्टेशन में आने वाले यात्रियों पर लगातार नजर रखते हैं। हमारे अधिकारियों को ऐसे लोगों की पहचान करने का प्रशिक्षण दिया गया है। हम सुरक्षा के लिहाज से चौकसी बरतते हैं और इसी वर्ष अब तक 13 लोगों की जान बचा चुके हैं।”
इसके अलावा 25 अन्य ऐसे व्यक्तियों की भी पहचान कर ली गई, जो खुदकुशी की कोशिश भी नहीं कर पाए थे।
हेमेंद्र ने बताया कि खुदकुशी की कोशिश करते हुए बचा लिए गए सभी 13 लोगों को दिल्ली मेट्रो रेल पुलिस (डीएमआरपी) के हवाले कर दिया गया।
उन्होंने यह भी बताया कि निगरानी रखने के लिए सीआईएसएफ सीसीटीवी कैमरों और सादी वर्दी में चौकसी करने वाले अपने जवानों पर निर्भर हैं।
उन्होंने बताया, “स्टेशन के आकार के आधार पर हर स्टेशन पर एक सीसीटीवी कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां सीआईएसएफ के जवान तैनात रहते हैं।”
खुदकुशी की सर्वाधिक कोशिशें (20) नोएडा से द्वारका के बीच ब्लू लाइन मेट्रो ट्रैक पर की गईं, जबकि जहांगीरपुरी से हुडा सिटी सेंटर गुड़गांव के बीच येलो लाइन पर ऐसी आठ कोशिशें हुईं।
डीएमआरसी के प्रवक्ता अनुज दयाल ने आईएएनएस को बताया, “चौकसी बढ़ा दी गई है और हम प्लेटफॉर्म के किनारे बैरियर लगाने की कोशिश कर रहे हैं। इस तरह के लोगों पर नजर रखने के लिए हमने अपने कर्मचारियों और सीआईएसएफ के जवानों को अधिक संवेदनशीलता से काम लेने के लिए प्रशिक्षित किया है।”
उन्होंने बताया कि डीएमआरसी जल्द ही भीड़ नियंत्रण के उपाय जैसे प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर लगाएगी।
उन्होंने बताया, “छह स्टेशनों, केंद्रीय सचिवालय, नई दिल्ली, राजीव चौक, चावड़ी बाजार, चांदनी चौक और कश्मीरी गेट पर ये प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर लगाए जाएंगे।”