कोलंबो, 20 मई (आईएएनएस)। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने बुधवार को कहा कि वह अंतर्राष्ट्रीय जांचकर्ताओं को तमिल टाइगर विद्रोहियों के खिलाफ छेड़े गए अभियान पर लगाए गए युद्ध अपराधों की जांच करने की अनुमति नहीं देंगे।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, समाचार पत्र संपादकों से बातचीत में सिरिसेना ने कहा कि आरोपों की जांच के लिए जून तक एक घरेलू तंत्र बना दिया जाएगा और अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर स्थानीय कानूनों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
राष्ट्रपति ने कहा, “जांच पर हमारी संयुक्त राष्ट्र से बातचीत हुई है। सरकार की हैसियत से हमने उन्हें बताया है कि विदेशी जांचकर्ताओं को देश में आने की अनुमति नहीं देंगे। हलांकि हम संयुक्त राष्ट्र से सलाह लेंगे और घरेलू जांच कराएंगे।”
श्रीलंका पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की रपट सितंबर सत्र में आ सकती है।
सिरिसेना ने कहा, “हमें सितंबर में घरेलू तंत्र पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में जानकारी देनी है। इसीलिए इस तंत्र की स्थापना जून तक कर ली जाएगी। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि मानवाधिकार जांच में हमारी संप्रभुता सुरक्षित रहे।”
श्रीलंका ने मई 2009 में 30 साल लंबे युद्ध के बाद तमिल टाइगर विद्रोहियों का सफाया कर दिया था। लेकिन युद्ध के अंतिम दौर में श्रीलंका पर भारी मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगे थे।
पूर्ववर्ती सरकार ने ज्यादातर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप खारिज कर दिए थे और अंतर्राष्ट्रीय जांच की अनुमति देने से भी इंकार कर दिया था।