रायपुर, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने रविवार को मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘रमन के गोठ’ की चौथी कड़ी में सूखा पीड़ित किसानों से मदद का वादा किया। उन्होंने नक्सली हिंसा पीड़ित दंतेवाड़ा जिले के 128 गांवों में एक हजार से भी ज्यादा किसानों द्वारा की जा रही जैविक खेती की भी तारीफ की।
प्रदेश की सात विशेष पिछड़ी जनजातियों के लगभग एक लाख 94 हजार सदस्यों की सामाजिक-आर्थिक बेहतरी के लिए 11 सूत्रीय समयबद्ध विशेष अभियान चलाने की भी घोषणा की।
डॉ. सिंह ने श्रोताओं द्वारा उन्हें नदियों को जोड़ने, छत्तीसगढ़ी लोक कला आयोग का गठन करने और महिला सशक्तीकरण को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने के उद्देश्य से महिलाओं के लिए विशेष ग्रामसभा के आयोजन के सुझावों का भी उल्लेख किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे इस बात की खुशी है कि विभिन्न जेलों में बंद कैदियों ने भी मुझे सुना है। उन्होंने अपने आश्रितों के भरण-पोषण के लिए कोई योजना की पहल करने तथा बंदियों के लिए परिजनों से संपर्क के लिए एसटीडी पीसीओ की सुविधा प्रदान करने का अनुरोध किया है।”
खास बात यह रही कि मुख्यमंत्री ने नारायणपुर के ग्राम मुंडापाल के किसान मंगल साय द्वारा सड़क निर्माण के लिए जमीन दान करने की तारीफ भी की।
डॉ. सिंह ने कहा कि किसानों की पीड़ा को कम करने के लिए राज्य सरकार ने सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं कि आरबीसी 6.4 के प्रावधानों के तहत किसानों को राहत राशि का वितरण तत्काल प्रारंभ किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना के तहत अब तक लगभग 10 लाख श्रमिक पंजीकृत होकर शामिल हो चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने विश्व मृदा दिवस का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में मिट्टी स्वास्थ्य कार्ड योजना लागू की है। प्रधानमंत्री ने ‘स्वस्थ धरा, खेत हरा’ का भी नारा दिया है। आवास, भोजन, ऊर्जा संरक्षण जैसे तमाम विषय मिट्टी से जुड़े हैं।
मिट्टी स्वास्थ्य योजना के तहत असिंचित क्षेत्रों में प्रति दस हेक्टेयर पर एक सिंचित भूमि में प्रति हेक्टेयर एक नमूना मिट्टी का लिया जाता है। उन्होंने कहा कि अगले तीन साल में राज्य में मिट्टी के आठ लाख 78 हजार नमूने लिए जाएंगे। प्रयोगशालाओं में इन नमूनों का परीक्षण कर किसानों को बताया जाएगा कि उनके खेतों की मिट्टी की उर्वरा क्षमता कैसी है, और जमीन को किस तरह की खाद की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में बुजुर्गो का आशीर्वाद भी प्राप्त होने का सौभाग्य इन पत्रों के माध्यम से मिला है। उन्होंने कहा, “मैं अपने बुजुर्गो से इतना कहना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री होने के नाते स्वयं को छत्तीसगढ़ का प्रथम-जनसेवक मानता हूं। आपके बेटे की तरह हूं, तो बुढ़ापे में मैं आपको तीर्थयात्रा क्यों नहीं करा सकता?”
मुख्यमंत्री ने सरकार के तीसरे कार्यकाल की दो साल की अवधि 12 दिसंबर को पूरी होने पर कहा, “मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि आपकी भावनाओं के अनुरूप हर क्षण आपकी सेवा में तत्पर रहूंगा, ताकि प्रदेश की ढाई करोड़ जनता के इस जनादेश के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित रहकर न्याय कर सकूं।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “दिसंबर सर्व-धर्म समभाव की हमारी विरासत को आगे और मजबूत बनाने का अवसर लेकर आता है। छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर नारायण सिंह का शहादत दिवस हमने 10 दिसंबर को मनाया। 18 दिसंबर को संत गुरु बाबा घासीदास की जयंती और उसी दिन गुरु गोविंद सिंह की भी जयंती है।”
उन्होंने दोनों महान विभूतियों की जयंती पर शुभकामनाएं दीं और मुस्लिम समाज के ईद-उल-मिलाद व 25 दिसंबर को क्रिसमस के लिए भी अग्रिम शुभकामनाएं दीं।