लखनऊ, 18 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय महिला पहलवानों का कहना है कि हाल में प्रो-रेसल्िंाग लीग (पीडब्ल्यूएल) से मिला आत्मविश्वास और एशियाई चैम्पियनशिप का अनुभव राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छा प्रदर्शन देने में मदद करेगा।
भारतीय महिला कुश्ती टीम की कोच अलका तोमर से लेकर एशियाई चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली महिला रेसलर नवजोत कौर का यही मानना है।
इस बारे में अलका ने कहा कि सभी खिलाड़ी इन खेलों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। सच तो यह है कि हाल में पीडब्ल्यूएल ने खिलाड़ियों के मन से दिग्गज अंतरराष्ट्रीय पहलवानों से सामना करने का भय दूर कर दिया है। पूजा ढांडा की इस लीग में रिकॉर्डतोड़ कामयाबी से अन्य भारतीय महिला पहलवानों का भी आत्मविश्वास बढ़ा है।
उन्होंने कहा, “शायद यही वजह है कि एशियाई चैम्पियनशिप में पिछले दिनों हमारी महिला पहलवान जापान की दिग्गजों को हराने में सफल रही।”
विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला अलका ने कहा कि दिग्गज पहलवानों के साथ अभ्यास करने, उनकी तकनीक को जानने और उनका सामना करने का अवसर मिलना अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की तैयारी के लिए बहुत जरूरी है। ये तीनों चीजें पीडब्ल्यूएल से मुमकिन हो पाईं।
नवजोत ने कहा, “बेशक मुझे पीडब्ल्यूएल सीजन-2 और सीजन-3 में लड़ने का मौका नहीं मिला लेकिन इसमें लड़ने वाले पहलवानों की कुश्तियों को टीवी पर करीब से देखने और उससे सीखने का मौका मुझे जरूर मिला। एशियाई चैम्पियनशिप में यह अनुभव और कोच की सलाह मेरे बहुत काम आई। हमारा दिग्गज पहलवानों से मुकाबला करने का डर अब खत्म हो गया है। हमारे पहलवान अब ज्यादा खुलकर कुश्ती लड़ने लगे हैं।”
उन्होंने कहा कि बेशक वह राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारतीय टीम का हिस्सा नहीं हैं लेकिन उन्हें उनके साथ अभ्यास करने का मौका मिला है और वह पूरी टीम को शुभकामनाएं देती हैं।
इन दिनों भारतीय महिला पहलवान लखनऊ में लगे प्रशिक्षण शिविर में पसीना बहा रही हैं। राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भारतीय कुश्ती टीम में विनेश (50 किलो), बबीता (53 किलो), पूजा ढांडा (57 किलो), साक्षी मलिक (62 किलो), दिव्या काकरान (68 किलो) और किरण (76 किलो) भाग ले रही हैं, जबकि पुरुष वर्ग में राहुल आवारे (57 किलो), बजरंग पूनिया (65 किलो), सुशील (74 किलो), सोमवीर (86 किलो), मौसम खत्री (97 किलो) और सुमित (125 किलो) भारतीय चुनौती पेश करेंगे।