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रिलायंस ने शाह समिति के औचित्य पर सवाल उठाया

नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के साथ अपने केजी बेसिन गैस विवाद पर न्यायमूर्ति अजित प्रकाश शाह के नेतृत्व में गठित समिति पर सवाल उठाया और कहा कि समिति का गठन बिना वैधानिक आधार के किया गया है और इस मुद्दे का समाधान मध्यस्थता से ही हो सकता है।

कंपनी ने पिछले महीने सरकार को भेजे एक पत्र में कहा, “ओएनजीसी द्वारा उठाए गए विवाद का समाधान इस प्रकार से नहीं हो सकता है।” इस पत्र की एक प्रति आईएएनएस के पास भी है।

कंपनी ने कहा, “आरआईएल सम्मानपूर्वक यह कहना चाहती है कि कार्यालय ज्ञापन का कोई वैधानिक आधार नहीं है और यह उत्पादन साझेदारी समझौते के विवाद निपटारा प्रावधान के भी विरुद्ध है।”

कार्यालय ज्ञापन का संबंध समिति के औपचारिक गठन से है। पत्र में कहा गया है कि वह इस बात को नहीं मानती कि सरकार कोई समिति नियुक्त कर सकती है या इस विवाद के किसी भी मुद्दे के समाधान के लिए कोई समिति गठित कर सकती है।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, ओएनजीसी चाहती है कि उस प्राकृतिक गैस के लिए समिति मुआवजा और जुर्माना तय करे, जो उसके अपने कृष्णा गोदावरी (केजी) बेसिन से पास स्थित रिलायंस के केजी-डी6 बेसिन में चला गया।

रिलायंस इंडस्ट्री का हालांकि कहना है कि ओएनजीसी का दावा विवादित है।

कंपनी ने कहा कि यदि ओएनजीसी ऐसा दावा करना चाहती है कि उसके बेसिन से गैस आरआईएल के बेसिन में चला आया है, तो उसे इस दावे का वैधानिक आधार ढूंढ़ना होगा।

पत्र में इस बात को भी अनुचित कहा गया है कि कार्यालय ज्ञापन ने शुरू से की मान लिया है कि दावा सही है।

रिलायंस ने शाह समिति के औचित्य पर सवाल उठाया Reviewed by on . नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के साथ अपने केजी बेसिन गैस विवाद पर न्यायमूर्ति अजित प्रकाश शाह के नेत नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के साथ अपने केजी बेसिन गैस विवाद पर न्यायमूर्ति अजित प्रकाश शाह के नेत Rating:
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