सानू जार्ज
सानू जार्ज
तिरुवनंतपुरम, 5 नवंबर (आईएएनएस)। केरल के रहने वाले शाजी थामस (45) सुन और बोल नहीं सकते। लेकिन, कुदरत ने उन्हें एक अलग तरह की प्रतिभा दी है जिसके बल पर उन्होंने पांच साल की मशक्कत के बाद अकेले, अपने दम पर एक छोटा विमान बना डाला। लेकिन, अब शाजी अपने लिए पूर्णकालिक रोजगार की गुहार लगा रहे हैं।
उनकी पत्नी मारिया कहती हैं कि शादी हुए 15 साल हो गए हैं। पहले दिन से उन्होंने यही देखा कि उनके पति छोटी मोटर और मशीनों में ही लगे रहते हैं। वह समझ नहीं पाती थीं कि आखिर वह कर क्या रहे हैं।
मारिया ने आईएएनएस से कहा, “शुरू में मैंने पूरी कोशिश की थी कि वह इलेक्ट्रिशियन का काम शुरू कर दें। लेकिन, जल्द ही मुझे समझ में आ गया कि मेरी कोशिशें बेकार हैं। इसके बाद मैंने इनके हर प्रयास का साथ देना शुरू कर दिया। आज पूरा गांव (इडुकी जिले में थोडापुजा के पास) उनके साथ खड़ा है। उन्होंने दो सीट वाला अल्ट्रालाइट विमान बनाने में सफलता हासिल कर ली है। डिस्कवरी चैनल ने इस पर फिल्म भी बनाई है।”
शाजी ने सिर्फ कक्षा 7 तक पढ़ाई की है। उनका दिल-दिमाग हमेशा इलेक्ट्रानिक समानों की मरम्मत में ही लगा रहता था।
मारिया ने बताया, “पहली चीज जो इन्होंने बनाई वह एक हेलीकाप्टर का फ्रेम था। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से इन्होंने इंजन खरीदने के लिए पैसा मांगा। राजीव गांधी की हत्या हो गई। इसलिए बात आगे नहीं बढ़ी। इसके बाद इन्होंने अपना ध्यान विमान बनाने पर लगा दिया। पांच साल की मेहनत के बाद एक दोपहिया के इंजन की मदद से छोटा विमान बना डाला। इसे पास के ही एक कालेज को दे दिया गया है। वहां बच्चे इसके जरिए शिक्षा ले रहे हैं।”
शाजी और मारिया का 13 साल का बेटा, जोशुआ है। वही अपने पिता का मुख्य सहायक टेक्नीशियन बनता है।
मारिया ने कहा, “इस विमान को बनाने में 13 लाख रुपये लग गए। यहां तक कि हमें जमीन का एक हिस्सा बेचना पड़ा। कुल मिलाकर शाजी को अपने इस महंगे शौक पर 25 लाख खर्च करने पड़े। अब हम बस यही चाहते हैं कि शाजी को अधिकारी कोई स्थाई काम दिला दें। शाजी मुझसे कहते हैं कि काश कि उन्हें एक स्थाई काम मिल जाए जिससे परिवार के लिए नियमित आय हो सके। उन्होंने अपने को साबित किया है। हमें उम्मीद है कि अधिकारी हमें देख और सुन रहे होंगे।”
यह कहते-कहते मारिया का गला रुं ध गया।