नई दिल्ली, 10 अगस्त (आईएएनएस)| बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप में दो कांस्य पदक जीत चुकीं भारत की दूसरे नंबर की खिलाड़ी पी. वी. सिंधु जकार्ता में जारी विश्व चैम्पियनशिप में करियर का तीसरा पदक जीतने का मकसद लेकर उतरेंगी।
विश्व चैम्पियनशिप के महिला एकल वर्ग में पदक जीतने वाली सिंधु भारत की एकमात्र खिलाड़ी हैं।
सिंधु पिछले लगातार दो बार से (2013, 2014) कांस्य पदक जीतती आ रही हैं और मंगलवार को जब वह इस्तोरा सेनायन स्टेडियम में इस वर्ष अपना अभियान शुरू करेंगी तो उनका उद्देश्य पदकों की संख्या तीन करने की रहेगी।
13वीं विश्व वरीयता प्राप्त सिंधु ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा, “इस समय मैं पूरी तरह फिट हूं। अभ्यास के दौरान मैं अच्छा प्रदर्शन कर रही थी। मैं अच्छा महसूस कर रही हूं और लगातार तीसरे वर्ष पदक जीतना चाहूंगी।”
सिंधु को विश्व चैम्पियनशिप में 11वीं वरीयता दी गई है और पहले राउंड में उन्हें बाई मिला है। हालांकि सिंधु का सफर ज्यादा देर आसान नहीं रहने वाला और तीसरे दौर में उनका सामना मौजूदा ओलम्पिक चैम्पियन चीन की ली ज्यूरुई से होने की संभावना है।
सिंधु ने कहा, “मैं जानती हूं कि मुझे ज्युरुई का सामना करना पड़ सकता है। उनके खिलाफ खेलना हमेशा कठिन होता है। लेकिन मैं अपनी जीत को लेकर सकारात्मक हूं। मैं अपने प्रदर्शन पर पूरा ध्यान लगा रही हूं और अपनी क्षमता बढ़ाने पर काम कर रही हूं।”
मंगलवार को दूसरे राउंड से टूर्नामेंट का शुरुआत करते हुए सिंधु को डेनमार्क की लाइन जार्सफेल्ट और आयरलैंड की क्लोए मैगी के बीच पहले राउंड की विजेता से भिड़ना होगा।
दूसरे राउंड में अगर वह जीत हासिल करने में सफल रहती हैं तो तीसरे राउंड में उनके सामने ज्युरुई चुनौती पेश कर सकती हैं।
सिंधु, ज्युरुई से अब तक तीन बार भिड़ चुकी हैं, जिसमें उन्हें दो बार हार झेलनी पड़ी है, हालांकि एक मैच में वह ज्युरुई को मात देने में भी सफल रही हैं।
सिंधु के अलावा महिला एकल वर्ग में भारत की ओर से एकमात्र अन्य प्रतिभागी दूसरी विश्व वरीयता प्राप्त सायना नेहवाल होंगी।
पिछले साल नवंबर में मकाऊ ओपन जीतने के बाद सिंधु ने इस वर्ष की शुरुआत अच्छी की और मलेशिया मास्टर्स तथा इंडिया ग्रांप्री. गोल्ड के सेमीफाइनल तक पहुंचीं। लेकिन उसके बाद से चोट ने उनका सत्र खराब कर दिया और वह सर्किट से अमूमन बाहर ही रहीं।
चोट से उबरकर वापसी करने के बाद सिंधु चार टूर्नामेंट खेल चुकी हैं, हालांकि सभी में उन्हें शुरुआती चरणों में ही हार झेलनी पड़ी। इन सबके बावजूद सिंधु से पदक की काफी उम्मीदें हैं।