भोपाल, 12 सितम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा संयुक्त राष्ट्र संघ की अधिकृत भाषा में हिंदी शामिल होना चाहिए, क्योंकि यह दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा में से एक है।
गृह मंत्री सिंह शनिवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित कर रहते हुए कहा कि जब अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए दुनिया के 177 देश का समर्थन प्राप्त किया जा सकता है तो हिंदी के लिए क्यों नहीं?
गृह मंत्री सिंह ने कहा कि दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा में से एक है। हिंदी भारत की राजभाषा के साथ संपर्क भाषा भी है। भारत की संस्कृति और जीवन मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने वाली भाषा हिंदी है।
उन्होंने आगे कहा कि टेक्नोलाजी कंपनियों ने हिंदी के महत्व को समझा है और वे इसे बढ़ावा दे रही हैं। इंटरनेट पर जिस भाषा में सबसे अधिक कंटेंट जनरेट होता है वह भाषा हिंदी है।
उन्होंने कहा कि भारत में बोली जाने वाली सबसे पुरानी भाषा तमिल है और राष्ट्रीय स्तर पर मातृ भाषा संस्कृत है। भौगोलिक और संख्यात्मक दृष्टि से सबसे बड़ी भाषा हिंदी है जो संस्कृत के सबसे अधिक नजदीक है। स्वतंत्रता संग्राम को अखिल भारतीय स्वरूप देने का काम हिंदी ने किया था।
गृहमंत्री ने हिंदी को राष्ट्र भाषा बनाने का समर्थन करने वाले महापुरुषों में अधिकांश गैर हिंदीभाषी थे। नेतृत्व की कमजोरी से हिंदी को राष्ट्र भाषा का दर्जा प्राप्त नहीं हो सका। हिंदी वैज्ञानिक दृष्टि से सबसे समृद्घ भाषा है। हिन्दी के विकास में देश के साथ विदेशियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय उद्योग अपने सारे उत्पादों का नाम हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं में लिखें। गैर हिन्दीभाषी क्षेत्रों में भी लोग हिन्दी समझते हैं। अंतर्राष्ट्रीय जगत में हिन्दी की प्रतिष्ठा पिछले दिनों बढ़ी है। हिन्दी को दूसरे देशों में जीवित रखने में गिरमिटिया लोगों का महत्वपूर्ण योगदान है।
इस समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सम्मेलन से हिन्दी के प्रति सकारात्मक वातावरण बना है। हिन्दी को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार समाज के साथ मिलकर हरसंभव प्रयास करेगी।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी बोलने वाले को श्रेष्ठ समझने की मानसिकता को बदलना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश की संस्कृति और हिंदी भाषा का गौरवपूर्ण इतिहास है। हिंदी बोलने से सम्मान कम नहीं होता बल्कि और बढ़ता है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन की अनुशंसाओं पर भारत सरकार आवश्यक कार्रवाई करेगी। मध्यप्रदेश सरकार अपने स्तर पर हिंदी को प्रोत्साहित करने के ठोस कदम उठाएगी। उन्होंने हिंदी को बढ़ावा देने की प्रतिबद्घता जाहिर करते हुए घोषणा की कि प्रदेश में राजभाषा विभाग को पुनर्जीवित किया जाएगा।