पथानमथिट्टा, 18 जनवरी (आईएएनएस)। सबरीमाला मंदिर आने वाले दो लाख श्रद्धालुओं ने ‘मिशन ग्रीन सबरीमाला’ के तहत शपथ ली है कि वे पंबा नदी में वस्त्र फेंकने की परंपरा को त्याग कर नदी को साफ रखेंगे। इसके लिए इन लोगों ने बकायदा दस्तखत किए हैं।
पथानमथिट्टा, 18 जनवरी (आईएएनएस)। सबरीमाला मंदिर आने वाले दो लाख श्रद्धालुओं ने ‘मिशन ग्रीन सबरीमाला’ के तहत शपथ ली है कि वे पंबा नदी में वस्त्र फेंकने की परंपरा को त्याग कर नदी को साफ रखेंगे। इसके लिए इन लोगों ने बकायदा दस्तखत किए हैं।
इस काम के लिए इतने दस्तखत इकट्ठा करने का लक्ष्य है कि यह एक विश्व कीर्तिमान बन सके और लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस में यह दर्ज हो सके।
शपथ छह भाषाओं, हिंदी, अंग्रेजी, मलयालम, कन्नड़, तमिल और तेलुगू भाषा में ली जा रही है। इसमें कहा गया है : “मैं पंबा नदी में वस्त्र नहीं फेंकूंगा। मैं इसे कूड़े के साथ निपटाऊंगा।”
पथानमथिट्टा के जिला अधिकारी एस. हरिकिशोर ने आईएएनएस से कहा, “सभी श्रद्धालु पंबा नदी में स्नान करने आते हैं। इसलिए हमारे लिए यह अनिवार्य है कि हम इसे स्वच्छ रखें। यह एक मिथक है कि नदी में डुबकी लगाने के बाद कपड़े को नदी में छोड़ देना चाहिए। ये सच नहीं है। हम रोजाना 10 कालेज छात्रों की सेवा ले रहे हैं। वे श्रद्धालुओं से अनुरोध करते हैं कि वे वस्त्र नहीं फेंकने की शपथ लें और चित्रपट (कैनवस) पर इससे संबंधित दस्तखत करें। “
अधिकारी के मुताबिक, हर व्यक्ति जो सबरीमाला आता है, अपने पीछे 250 ग्राम प्लास्टिक छोड़कर जाता है। बीते साल 8750 टन प्लास्टिक और इससे बनी चीजें इकट्ठा की गई थीं। इसकी वजह से मंदिर को पर्यावरणीय खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
नदी की सफाई का यह विचार कोकाकोला कंपनी के सार्वजनिक मामलों के राष्ट्रीय प्रमुख अजय कुमार के दिमाग में आया था। मिशन ग्रीन सबरीमाला की शुरुआत बीते नवंबर में शुरू की गई थी।
अजय कुमार ने आईएएनएस से कहा, “शुरुआती बैठकों के बाद जिलाधिकारी ने मुझसे पूछा कि क्या हमारे पास लोगों को स्वच्छता अभियान से जोड़ने का कोई और तरीका है? इसके बाद हमने रोजाना पंबा नदी के पास यह लिखा चित्रपट लगाने का फैसला किया कि कृपया नदी में कपड़े और कूड़ा न फेंकें।”
उन्होंने बताया कि शुरू में काफी कम लोगों ने चित्रपट पर दस्तखत किए। बाद में इसमें गति आई। ऐसे भी दिन आए जब चित्रपट पर पांच हजार लोगों ने दस्तखत किए। हमने हस्ताक्षरयुक्त सभी चित्रपट जमा कर लिए हैं। तीर्थयात्रा खत्म होने के बाद हम इसे लिम्का बुक आफ रिकार्ड्स को सौंपेंगे।
सबरीमाला मंदिर में 15 नवंबर से 15 जनवरी के बीच 60 दिनों की अवधि में करीब 3.5 करोड़ श्रद्धालु पहुंचते हैं। कुछ श्रद्धालु हालांकि 20 जनवरी तक यहां ठहरते हैं।