सोमवार को आयोजित इस मैराथन दौड़ में दुनिया भर के 50 धावकों ने हिस्सा लिया।
कोमोलोंगमा पर्वत की तलहटी में आयोजित मैराथन को चार महीने पहले नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के कारण स्थगित कर दिया गया था।
हर वर्ष होने वाला यह मैराथन अमूमन मई के महीनें में होता रहा है। 29 मई 1953 को तेनजिंग नोर्गे और एडमंड हिलेरी द्वारा पहली बार कोमोलोंगमा फतह करने की याद में इस मैराथन को आयोजित किया जाता है।
आयोजकों ने कहा कि इस आयोजन के जरिए पता चलता है कि नेपाल फिर से पर्यटन के लिए सुरक्षित स्थल बन चुका है। इसी वर्ष अप्रैल-मई के दौरान आए भूकंप ने नेपाल में भारी तबाही मचाई, जिसमें 9,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
भूकंप के दौरान एवरेस्ट पर्वत पर चढ़ाई करने वाले 18 पर्वतारोहियों की भी हिमस्खलन की चपेट में आने से मौत हो गई थी।
मुख्य आयोजक बिक्रम पांडेय ने बताया कि ‘रन ऑफ द टूरिज्म रिवाइवल’ से पता चलता है कि नेपाल के पर्यटन स्थल जैसे कोमोलोंगमा फिर से पर्यटकों की अगवानी के लिए तैयार हो चुके हैं।
तेनजिंग-हिलेरी एवरेस्ट मैराथन समुद्र तल से 5,500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बेस कैंप से शुरू होता है, जहां वातावरण में आक्सिजन की मात्रा काफी कम होती है।
इस मैराथन को दूनिया के सबसे जटिल और दुरूह दौड़ प्रतियोगिताओं में शुमार किया जाता है।