नई दिल्ली, 20 जनवरी (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को उस याचिका पर अपने आदेश को सुरक्षित रखा जिसमें शीर्ष अदालत से अपने 16 दिसंबर 2015 के आदेश को वापस लेने का आग्रह किया गया है। 16 दिसंबर के आदेश में सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह को उत्तर प्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त किया था।
नई दिल्ली, 20 जनवरी (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को उस याचिका पर अपने आदेश को सुरक्षित रखा जिसमें शीर्ष अदालत से अपने 16 दिसंबर 2015 के आदेश को वापस लेने का आग्रह किया गया है। 16 दिसंबर के आदेश में सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह को उत्तर प्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त किया था।
हालांकि, इस बात की संभावना कम लग रही है कि शीर्ष अदालत अपना आदेश वापस लेगी। अदालत ने कहा है कि वह अपने आदेश में उस वक्त तक बदलाव नहीं करने जा रही है जब तक कि उसे ऐसे बेहद दमदार तर्क न मिल जाएं जो उसकी चेतना को झकझोर दें।
शीर्ष अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रखा। उसे बताया गया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ को न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की ‘ईमानदारी’ को लेकर ‘गहरा संदेह’ है और 15 दिसंबर 2015 को पांच घंटे तक चली बैठक के बाद उनका नाम सूची से निकाल दिया गया था।
शीर्ष अदालत ने कहा, “हमें जो करने की जरूरत है, हमें जो करना है, वह किया जाएगा। अगर हम पाएंगे कि यह (लोकायुक्त पद पर न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की नियुक्ति) ठीक नहीं है तो हम अपना आदेश वापस ले लेंगे और किसी अन्य को नियुक्त कर देंगे।”
अदालत ने यह भी जानना चाहा कि किस आधार पर मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ इस नतीजे पर पहुंचे कि न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की ईमानदारी संदिग्ध है।