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 सायबर जासूसी से बचने भारत उठा रहा कदम | dharmpath.com

Wednesday , 18 June 2025

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सायबर जासूसी से बचने भारत उठा रहा कदम

March 27, 2015 8:56 am by: Category: ख़बरें अख़बारों-वेब से Comments Off on सायबर जासूसी से बचने भारत उठा रहा कदम A+ / A-

1013860281विदेशी गुप्तचर सेवाओं की साइबर जासूसी में आयी सक्रियता को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने गोपनीय व संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा के लिए व्यापक कदम उठाये हैं|

 अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एन० एस० ए०) के भारत सहित विश्व के सभी प्रमुख देशों के खिलाफ व्यापक इलेक्ट्रोनिक जासूसी के जाल का उसके भूतपूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडन द्वारा भंडाफोड़ किये जाने के बाद से दुनिया भर की सरकारें साइबर सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने लगी हैं|

 ‘टाइम्स ऑफ़ इण्डिया’ दैनिक के अनुसार इस क्षेत्र में भारत के पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन की भी सक्रियता बढ़ी है| खबर है कि गृह मंत्रालय से प्राप्त खुफिया जानकारी के आधार पर भारत के रक्षा मंत्रालय ने 12 मार्च को जारी किये गए अपने निर्देश में देश की सशस्त्र सेनाओं और रक्षा संगठनों को गोपनीय और संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा के फौरी उपाय करने और सतर्कता के साथ 21वीं सदी के इस गंभीर खतरे का सामना करने की मांग की है|
एक अनाम अधिकारी के हवाले से दैनिक ने बताया की साइबर जासूस पेन ड्राइव, रिमूवेबल हार्ड डिस्क या एक मामूली सी डी के ज़रिये मज़बूत से मज़बूत नेटवर्क में घुस कर आराम से घर बैठे सारी ज़रूरी जानकारी को जमा कर लेते हैं| यही नहीं वे नेटवर्क सेंट्रिक सेना के संचालन को जाम करके उसे निष्क्रिय तक बनाने में समर्थ हैं|
अब तक के सर्वज्ञात साइबर हमले को पांच साल पहले ईरान भुगत चुका है जब कहा जाता है कि इजराइल और अमेरिका द्वारा बनाये गए Stuxnet ‘वर्म सोफ्टवेयर’ ने उसके परमाणु कार्यक्रम को ठप्प कर दिया था|

सारी दुनिया के उन्नत देश साइबर हमलों का मुकाबला करने के लिए दिन-रात प्रयास कर रहे हैं क्योंकि उनसे न केवल सैनिक, बल्कि बिजलीघरों, रेल यातायात आदि के काम को भी अस्त-व्यस्त किया जा सकता है| ‘टाइम्स ऑफ़ इण्डिया’ने शिकायत की कि सेना के तीनों अंगों की संयुक्त साइबर कमान की स्थापना का प्रस्ताव अभी भी अधर में लटका है जबकि चीन ने 30 हज़ार की संख्या वाली कंप्यूटर मिलिशिया के साथ एक जोड़ी हैकर ब्रिगेडों का गठन कर डाला है|

खैर जो भी सच्चाई हो पर मोदी सरकार ने साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए कुछ ठोस कदम ज़रूर उठाये हैं| सुविदित है कि जासूसी करने वाले सॉफ्टवेर प्राय: इलेक्ट्रोनिक मेल के ज़रिये कम्प्यूटरों में घुसपैठ करके अपना नियंत्रण कर लेते हैं| गत 18 फरवरी को जारी किये गए एक आदेश के द्वारा सरकारी मुलाज़िमों को  जीमेल, याहू, होटमेल जैसी सभी प्रायवेट इ-मेल सेवाओं के उपयोग की कड़ी मनाही कर दी गयी है, इसके बदले वे सिर्फ नेशनल इन्फोर्मेटिक्स सेंटर(NIC) द्वारा प्रदान की जाने वाली इ-मेल सेवा का ही सरकारी कामकाज के लिए उपयोग कर सकेंगे| इसके अलावा वे अपने सरकारी एकाउंट से अपने निजी एकाउंट में कोई भी जानकारी नहीं भेज सकेंगे| यही नहीं, NIC इस प्रकार की जानकारी और डाटा को ब्लोक कर देगा| इसके अलावा, साइबर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ‘ऑटो सेव पासवर्ड’ जैसी सुविधाएँ भी नहीं दी जाएँगी|

सर्वव्यापी पैमाने पर साइबर सुरक्षा की दिशा में भारत सरकार का यह एक महत्वपूर्ण कदम है|

 

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