न्यूयॉर्क, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। अवसाद के कारण व्यक्ति के हिंसक हो जाने की आम धारणा के विपरीत एक नए शोध में बताया गया है कि अवसाद संभवत: भविष्य में हिंसक व्यवहार का कारण नहीं बन सकता।
पिछले महीने फ्रेंच आल्पस में हुई घातक विमान दुर्घटना के पीछे जर्मन सह-चालक का हाथ होने की आशंका जताई जा रही थी, जिसमें 149 लोग सवार थे। सह-चालक जाहिरा तौर पर अवसादग्रस्त था। चालक के अवासादग्रस्त होने के कारण कयास लगाए जा रहे थे कि मानसिक बीमारियां हिंसात्मक व्यवहार का कारण हो सकती हैं।
नए शोध के परिणामों के अनुसार, कुछ ही विकारों में भविष्य की हिंसा का अनुमान लगाया जा सकता है।
अमेरिका के नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी फीनबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रोफेसर और शोध लेखक लिंडा टेपलिन ने बताया, “हमारे परिणाम फेंच आल्पस में हाल ही में हुई विमान दुर्घटना के मामले में प्रासंगिक हैं। हमारे परिणाम दर्शाते हैं कि कोई अनुमान नहीं लगा सकता था कि जाहिरा तौर पर अवसादग्रस्त पायलट यह हिंसक कार्य करेगा।”
टेपलिन ने कहा, “यह केवल आत्महत्या नहीं है, बल्कि यह सामूहिक हत्या है।”
अध्ययन में पाया गया कि सनकी या उन्मादी पुरुषों में हिंसा करने की संभावना, सामान्य पुरुषों की अपेक्षा दोगुनी होती है। लेकिन ये संबंध संयोग नहीं हैं।
मानसिक बीमारियों से ग्रस्त अपराधी युवकों में इसके जोखिम के बहुत से कारक होते हैं, जैसे- हिंसक और आर्थिक तंगी के माहौल में रहना।
अध्ययन में शिकागों कुक काउंटी के किशोर अस्थायी नजरबंदी केंद्र में 1195 से 1998 के बीच कैद किए गए युवाओं लिए गए डेटा का प्रयोग किया गया।
इसमें 13-25 साल के बीच के 1,659 युवाओं की आत्म-रिपोर्ट के माध्यम से हिंसात्मक और मानसिक विकारों का मूल्यांकन किया गया।
अध्ययन की प्रथम लेखक और कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल स्कूल में नैदानिक मनोविज्ञान की सहायक प्रोफेसर कैथरीन एल्किंगटन ने बताया, “हमें हिंसात्मक व्यवहार सहित विभिन्नि समास्याओं से निपटने के तरीके में सुधार करना चाहिए।”
यह शोध ‘जर्नल ऑफ अमेरिकन अकेडमी ऑफ चाइल्ड एंड एडोलेसेंट साइकाइट्री’ में प्रकाशित हुआ।