देहरादून, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में फर्जी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की अधिकारी के रूप में पिछले छह माह से भी अधिक समय से रह रही महिला को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने इसके आईएएस अधिकारी के रूप में फर्जी पहचान-पत्र बनवा रखा था।
एक अधिकारी ने शनिवार को आईएएनएस को बताया कि रूबी चौधरी को शुक्रवार रात गिरफ्तार किया गया। उसे पहले देहरादून में नजरबंद रखा गया था। लेकिन राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों से मंजूरी मिलने के बाद शुक्रवार देर रात पुलिस अधिकारियों की एक टीम ने उसे हिरासत में ले लिया।
रूबी के परिवार और संबंधियों से पहले ही पूछताछ की जा चुकी है। रूबी के माता-पिता ने उससे नाता तोड़ दिया है।
अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर पुलिस ने रूबी के पिता सत्यवीर और भाई मोहित से पूछताछ कर रिपोर्ट अकादमी प्रशासन को भेज दी है।
अधिकारी ने बताया, “नेहरू कॉलोनी के सिटी होटल में छिपी महिला को पूछताछ के लिए गिरफ्तार कर लिया है।”
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बी.एस.सिद्धू ने बताया कि इस मामले में कानून का पालन किया जाएगा और दोषी पाए जाने पर किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने इस पूरे प्रकरण पर अकादमी के शीर्ष अधिकारियों से रिपोर्ट भी मांगी है।
सूत्रों का कहना है कि अकादमी के उपनिदेशक और केरल कैडर के आईएएस अधिकारी सौरभ जैन को किसी भी समय कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। चौधरी को फर्जी पहचान पत्र मुहैया कराने के लिए जैन पर साठगांठ का आरोप है।
रूबी ने आरोप लगाया है कि अकादमी में लाइब्रेरियन की नौकरी देने के लिए जैन ने उससे 20 लाख रुपये की मांग की थी, जिसमें से वह पांच लाख रुपये पहले ही दे चुकी है।
जैन ने इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साध रखी है। उन्होंने मीडिया को इस पूरे मामले पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।
उत्तराखंड सरकार उस समय दंग रह गई, जब इस बात का खुलासा हुआ कि एक महिला फर्जी पहचान पत्र के साथ मसूरी अकादमी में पिछले कई महीनों से अवैध तरीके से रह रही है। पिछले साल अकादमी के दौरे पर आए राष्ट्रपति मुखर्जी के साथ आईएएस प्रशिक्षु के समूह फोटोग्राफ में भी वह शामिल थी।