लखनऊ, 20 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और इलाहाबाद में उप जिलाधिकारी पद पर तैनात दो महिला आईएएस अधिकारी अपने गुस्सैल रवैये को लेकर सुर्खियों में हैं। इन दोनों अधिकारियों ने छोटी-छोटी बात को लेकर दो लोगों को जेल भिजवा दिया। मामला गरमाने के बाद हालांकि दोनों लोगों को बाद में छोड़ दिया गया।
पहला मामला गोरखपुर सदर की एसडीएम आईएएस नेहा प्रकाश का है। वह मात्र पार्क की घास काटने से हुए शोर से नाराज हो गईं और बुजुर्ग माली को जेल भेज दिया।
बताया जा रहा है कि जहां उपजिलाधिकारी का आवास है, वहीं गोरखपुर विकास प्राधिकरण का पं. गोविन्द बल्लभ पंत पार्क है। यहां पर बुजुर्ग माली विश्वनाथ यादव पार्क की देखभाल करते हैं। नेहा प्रकाश यहां हर रोज सुबह टहलने जाती हैं। बुधवार को भी पहुंची तो माली उसी समय मशीन से घास काट रहा था। जिससे शोर के चलते उनको योगा करने में दिक्कत हुई तो गुस्साई महिला अधिकारी ने विश्वनाथ को जेल भेज दिया। अब माली की पत्नी ने जिलाधिकारी से इस मामले की शिकायत की है।
इस बीच बुधवार को जेल से छूटने के बाद विश्वनाथ यादव ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अधिकारियों की तरफ से छोटे कर्मचारियों के साथ हमेशा ही शोषण होता है। यह कोई नयी बात नहीं है लेकिन जिस तरह से छोटी बात पर जेल भेजा गया वह उप जिलाधिकारी जैसे वरिष्ठ अधिकारी को शोभा नहीं देता।
यादव ने कहा, “मैंने कुछ गलत नहीं किया था लेकिन जानबूझकर जबर्दस्ती मुझे जेल भेजकर मानसिक प्रताड़ना दी गई। छोटे कर्मचारियों को अपने अधिकारों को लेकर आगे आना होगा।”
दूसरा मामला इलाहाबाद का है यहां आईएएस (प्रशिक्षु) हर्षिता माथुर उपजिलाधिकारी के पद पर तैनात हैं। कथित तौर पर माथुर आप नेता से मात्र इसलिए नाराज हो गई कि उसने ज्ञापन देते हुए उनके साथ फोटो खिंचवा ली। फिर क्या था उन्होंने उसे तत्काल पुलिस बुलाकर जेल भेज दिया। बताया जाता है कि आप कार्यकर्ता रेड लाइट एरिया हटवाने का ज्ञापन देने गया था।
यह दोनों मामला वरिष्ठ अधिकारियों से जुड़ा हुआ है लिहाजा कोई भी अधिकारी अपना मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं है।