पुलिस के मुताबिक, थाना मऊदरवाजा क्षेत्र के टीमरुआ गांव निवासी 75 वर्षीय साधु रामेश्वर दयाल उर्फ बाबा ओमानंद शुक्रवार रात पिपर गांव-रायपुर मार्ग पर बने आश्रम में रुके हुए थे। उसी वक्त सड़क मार्ग की ओर से टीमरुआ गांव के ही रहने वाले अधिवक्ता सुनील अपने दो भाई अनिल और विमल के साथ आए और रामेश्वर को गोली मार दी। सुनील फतेहगढ़ कचहरी में अधिवक्ता हैं।
साधु के बेटे का कहना है कि घटना के वक्त वह अपने पिता के साथ ही मौजूद था। उसने बताया कि आरोपियों ने उसका भी पीछा किया, लेकिन वह किसी तरह जान बचाकर भाग निकला।
वहीं गोली की आवज सुन मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने घायल साधु रामेश्वर को लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया, जहां कुछ समय बाद उसने दम तोड़ दिया।
पुलिस ने पंचनामा भरकर मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सभी आरोपी फिलहाल फरार हैं।
मऊदरवाजा के थानाध्यक्ष सुनील यादव ने बताया, “मामला जमीनी रंजिश का है। दोनों पक्ष आश्रम की जमीन पर अपना दावा करते हैं, जिसको लेकर अदालत में भी मामला विचाराधीन है।”