Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 दक्षिणेश्वर काली मंदिर | dharmpath.com

Tuesday , 17 June 2025

Home » धर्मंपथ » दक्षिणेश्वर काली मंदिर

दक्षिणेश्वर काली मंदिर

Kolkatatempleकोलकाता के निकट दक्षिणेश्वर में हुगली नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित काली के इस मंदिर को सारी दुनिया रामकृष्ण परमहंस की वजह से ज्यादा जानती है। यहां काली का भवतरणी स्वरूप है। इस मंदिर की स्थापना 1855 में रानी रश्मोनी ने की थी। तब रामकुमार चट्टोपाध्याय यहां के मुख्य पुजारी बने। शीघ्र ही उनके छोटे भाई गदई या गदाधर भी उनके साथ रहने लगे। गदाधर ही बाद में रामकृष्ण बने। कहा जाता है कि रानी रश्मोनी चूंकि निचली जाति की थीं, इसलिए मंदिर में देवी की स्थापना के समय काफी विवाद रहा। उस समय एक लाख ब्राह्मण यहां जमा हुए थे। एक साल बाद रामकुमार की मृत्यु हो जाने पर रामकृष्ण यहां के मुख्य पुजारी बने। तब से तीस साल बाद 1886 में अपनी मृत्यु तक रामकृष्ण यहीं बने रहे। दक्षिणेश्वर काली मंदिर को उसकी प्रसिद्धि व श्रद्धालु, दोनों दिलाने में उनका काफी श्रेय रहा। इस मंदिर में गर्भगृह में शिव की छाती पर पांव रखकर खड़ी काली की प्रतिमा चांदी के हजार पंखुडि़यों वाले कमल पर स्थापित है। मुख्य मंदिर के पास ही बारह एक जैसे शिव मंदिर हैं। मंदिर परिसर में एक विष्णु मंदिर और एक राधाकृष्ण मंदिर भी है।

दक्षिणेश्वर काली मंदिर Reviewed by on . कोलकाता के निकट दक्षिणेश्वर में हुगली नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित काली के इस मंदिर को सारी दुनिया रामकृष्ण परमहंस की वजह से ज्यादा जानती है। यहां काली का भवतर कोलकाता के निकट दक्षिणेश्वर में हुगली नदी के पूर्वी किनारे पर स्थित काली के इस मंदिर को सारी दुनिया रामकृष्ण परमहंस की वजह से ज्यादा जानती है। यहां काली का भवतर Rating:
scroll to top