नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। ग्रीस के साथ द्विपक्षीय कारोबार सीमित होने और अपनी बुनियाद मजबूत होने के कारण ग्रीस संकट से भारत की अर्थव्यवस्था प्रभावित नहीं होगी। यह बात सोमवार को विश्लेषकों ने कही।
ग्रीस की जनता ने रविवार को हुए जनमत संग्रह में कर्जदाताओं के बेलआउट की शर्तो को खारिज कर दिया था।
विश्लेषकों ने कहा कि इस संकट के सीमित असर की भी बाजार ने पहले से कल्पना कर ली गई थी।
यही कारण है कि सोमवार को गिरावट के साथ खुलने के बाद भी बाजार आखिरकार तेजी के साथ बंद हुआ।
मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम ने यहां संवाददाताओं से कहा, “हम कम से कम तीन तरीके से सुरक्षित हैं। हमारी आर्थिक स्थिति काफी सुरक्षित है। हमारे पास प्रचुर भंडार है। हम अब भी निवेश का एक आकर्षक गंतव्य हैं। इसलिए हम इसके प्रभाव से कमोबेश बचे हुए रहेंगे।”
वित्त सचिव राजीव महर्षि ने कहा, “आगे हमें यह देखना है कि यूरो की दिशा क्या होती है। हम ग्रीस की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। फेडरल रिजर्व की दर वृद्धि की योजना पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है।”
जायफिन एडवाइजर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवेंद्र नेवगी ने आईएएनएस से कहा कि इस संकट का भारत को फायदा ही होगा, क्योंकि फेडरल रिजर्व दर वृद्धि को और आगे के लिए टाल सकता है।
नेवगी ने कहा, “संकट और बेरोजगारी में धीमी गिरावट के कारण दर वृद्धि का फैसला लेने में देरी की जा सकती है। यह भारत के लिए फायदे वाला साबित होगा।”
उन्होंने कहा, “इस पूरे प्रकरण में देश की मुद्रा, शेयर बाजार और बांड बाजार में पर्याप्त मजबूती दिखाई पड़ी है।”
दूसरे कुछ जानकारों ने कहा कि यूरोजोन की अर्थव्यवस्था में ग्रीस का 1.5 फीसदी योगदान है, इसलिए इसका अधिक असर भारत पर नहीं होगा।
एंजल ब्रोकिंग के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक दिनेश ठक्कर ने आईएएनएस से कहा, “स्पेन में तेजी, अन्य यूरोजोन सदस्य देशों में तेजी के संकेत तथा यूरोपीय केंद्रीय बैंक के क्वांटिटिव इजिंग से यह संकट अन्य यूरोजोन देशों तक नहीं फैल पाएगा।”
कोटक सिक्योरिटीज के प्राइवेट क्लाइएंट ग्रुप रिसर्च के प्रमुख दीपेन शाह ने कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था ग्रीस से अधिक जुड़ी हुई नहीं है। विदेशी पूंजी के देश से बाहर निकलने से हालांकि रुपये पर कुछ नकारात्मक असर हो सकता है, लेकिन विदेशी पूंजी का पर्याप्त भंडार इस असर को सीमित करेगा।”
26 जून को समाप्त हुए सप्ताह में देश का विदेशी पूंजी भंडार 355.22 अरब डॉलर था।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में सोमवार को 116 अंकों की तेजी दर्ज की गई।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी में 37 अंकों की तेजी दर्ज की गई।