नई दिल्ली, 23 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और पूर्व विदेश मंत्री यशवंत सिन्हा ने रविवार को कहा कि भारत को पाकिस्तान से तब तक बात नहीं करनी चाहिए जब तक इसके नतीजे ‘बिल्कुल सुनिश्चित’ न हो जाएं।
सिन्हा ने सीएनएन-आईबीएन से कहा, “हमें पाकिस्तान से तब तक बात नहीं करनी चाहिए, जब तक आप नतीजे के बारे में बिल्कुल सुनिश्चित न हो जाएं..। मैं पाकिस्तान के साथ अपने अनुभवों के आधार पर अपने वार्ताकारों से यह बात बार-बार कहता हूं।”
सिन्हा ने कहा कि वह इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि पाकिस्तान के साथ बातचीत से किसी सकारात्मक नतीजे तक पहुंचना संभव नहीं है।
भाजपा नेता ने कहा कि बातचीत नहीं होने का यह मतलब नहीं है कि पाकिस्तान के साथ जंग हो जाएगी। उन्होंने कहा, “बातचीत नहीं होने का तात्कालिक नतीजा पाकिस्तान के साथ किसी युद्ध के रूप में सामने नहीं आने वाला है। परमाणु युद्ध की शक्ल में तो बिल्कुल भी नहीं।”
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि बातचीत नहीं होने और जंग होने के बीच एक बहुत बड़ा फासला है। भारत और पाकिस्तान इस फासले में रह सकते हैं। समस्या सिर्फ सीमा पार आतंकवाद है, जिसमें पाकिस्तान के शामिल होने के काफी सबूत हैं।”
सिन्हा ने कहा, “पाकिस्तान हर बात के लिए भारत को जिम्मेदार ठहरा देता है। हमारे हर तर्क के जवाब में उनका एक तर्क आ जाता है। हमारे हर दस्तावेज के जवाब में वे हमें दस्तावेज थमा देते हैं।”
उन्होंने कहा, “इसीलिए पाकिस्तान से बातचीत करना मुमकिन नहीं है। पाकिस्तान लगातार नकार की मुद्रा में है। वह कोई आरोप नहीं मानेगा चाहे वह ‘जिंदा सबूत’ ही क्यों न हो जिसका जिक्र हमारी विदेश मंत्री ने किया है।”
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि पाकिस्तान वार्ता से इसलिए भाग रहा है, क्योंकि भारत ने ऊधमपुर में आतंकी हमले में शामिल एक पाकिस्तान आंतकी को जिंदा गिरफ्तार कर लिया है।
सिन्हा ने कहा कि लिखित समझौते से पलट जाना पाकिस्तान की आदत है। उन्होंने कहा, “उसने शिमला समझौते की गलत व्याख्या की, जनवरी 2006 के संयुक्त बयान की अनदेखी की। अब उफा के बयान की गलत व्याख्या कर रहा है, जिसमें सिर्फ आतंकवाद पर बातचीत होने का जिक्र है। मैं पूरी तरह सरकार के साथ हूं।”