नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की सालाना बैठकों के साथ ही अन्य संबंधित बैठकों में भाग लेने के लिए सात अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक पेरू के लीमा के सरकारी दौरे पर रहेंगे।
आईएमएफ और विश्व बैंक के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में भारत के गवर्नर की हैसियत से वित्तमंत्री इन बैठकों में भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन, आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव शक्तिकांत दास, मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल होंगे।
यहां जारी एक बयान के अनुसार, जेटली अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रमंडल के वित्त मंत्रियों और जी-20 के वित्त मंत्रियों की बैठकों को संबोधित करेंगे। जेटली जलवायु वित्त पर गठित मंत्रिस्तरीय पैनल की बैठक को भी संबोधित करेंगे।
बयान में कहा गया है कि जेटली विश्व बैंक के अध्यक्ष और अन्य देशों के वित्त मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। विश्व बैंक की बैठक में विचार-विमर्श के दौरान जो अहम मुद्दे होंगे, उनमें टिकाऊ विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) के लिए 2030 के एजेंडे को समर्थन देने में विश्व बैंक और आईएमएफ की भूमिका, विश्व बैंक की शेयरधारिता संबंधी समीक्षा और अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (आईडीए) के वित्तीय ढांचों में बदलाव भी शामिल हैं।
बयान के अनुसार, आईएमएफ की बैठकों में जिन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चाएं होंगी, उनमें वैश्विक अर्थव्यवस्था के हालिया घटनाक्रम, वैश्विक स्तर पर सुधार को मजबूती प्रदान करने के लिए रणनीतियां और नीतिगत विकल्प, वित्तीय स्थिरता से जुड़े मसले, 2010 आईएमएफ कोटे के अमल में गतिरोध और संचालन (गवर्नेस) से जुड़े सुधार भी शामिल हैं।
वित्तमंत्री अमेरिका और पेरू के 10 दिवसीय दौरे के बाद 14 अक्टूबर, 2015 को स्वदेश लौटेंगे।