पणजी, 3 नवंबर (आईएएनएस)। भोजन के दूषित होने की शिकायतों व चावल आधारित मध्याह्न् भोजन के प्रति विद्यार्थियों की अनिच्छा को देखते हुए गोवा के शिक्षा विभाग ने मध्याह्न् भोजन में फली करी-चपाती परोसने का फैसला किया है।
शिक्षा विभाग के निदेशक जी.भट्ट ने आईएएनएस से मंगलवार को कहा कि नाश्ते में परिवर्तन का फैसला दो नवंबर को लिया गया और मेन्यू में परिवर्तन के बारे में विद्यार्थियों व प्रबंधन की प्रतिक्रिया का अध्ययन विभाग करेगा।
भट्ट ने कहा, “नई खाद्य सूची में भाजी के साथ चपाती या ब्रेड वैकल्पिक है। चावल आधारित पुलाव बच्चों के बीच अधिक लोकप्रिय नहीं है, जिसके कारण इसमें बदलाव लाया गया है। हमने प्रति व्यक्ति मध्याह्न् भोजन की दर बढ़ा दी है, जिससे विद्यार्थियों को अधिक पोषणयुक्त भोजन सुनिश्चित होगा।”
मध्याह्न् भोजन के नए मेन्यू में चपाती के साथ मसूर की करी, चावली, चौली इत्यादि होंगे।
पिछले महीने सभी स्कूलों को जारी शिक्षा विभाग के एक सर्कुलर के मुताबिक, प्राथमिक स्कूल के विद्यार्थियों के मध्याह्न् भोजन में 450 कैलोरी व 12 ग्राम प्रोटीन की मात्रा होनी चाहिए, जबकि उच्च विद्यालय के विद्यार्थियों के मध्याह्न् भोजन में 700 कैलोरी व प्रोटीन की मात्रा 20 ग्राम होनी चाहिए।