अम्बिकापुर, 20 दिसंबर (आईएएनएस/वीएनएस)। मानव जीवन में शिक्षा की जरूरत और महत्ता को ध्यान में रखकर बालकों व उनके पालकों को शिक्षित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ के विद्यालयों में बच्चों के साथ ही साथ उनके पालकों को भी शिक्षा दी जा रही है।
अम्बिकापुर, 20 दिसंबर (आईएएनएस/वीएनएस)। मानव जीवन में शिक्षा की जरूरत और महत्ता को ध्यान में रखकर बालकों व उनके पालकों को शिक्षित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ के विद्यालयों में बच्चों के साथ ही साथ उनके पालकों को भी शिक्षा दी जा रही है।
साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत संचालित साक्षरता कक्षाएं अब सरगुजा जिले के विद्यालयों में में भी लगाई जा रही हैं। 6 से 14 आयुवर्ग के बच्चों को सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्राथमिक शिक्षा दी जा रही है। इससे अधिक उम्र के लोगों को शिक्षा की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत साक्षरता कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है।
कलेक्टर ऋतु सैन के निर्देशानुसार, सरगुजा जिले के विद्यालयों में विद्यार्थियों के अध्ययन समय के बाद विद्यालय भवन एवं संसाधनों का उपयोग वयस्कों की शिक्षा के लिए किया जा रहा है। ऐसा करने से वयस्क लोगों को भी पढ़ाई-लिखाई के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हो रहे हैं। कई विद्यालयों के शिक्षक वयस्कों को भी पूरी रुचि एवं निष्ठा के साथ ज्ञानार्जन करा रहे हैं।
वयस्कों को पढ़ाई-लिखाई के लिए सुविधा एवं संसाधन उपलब्ध होने पर वे भी नियमित रूप से साक्षरता कक्षा में अपनी उपस्थिति दे रहे हैं। कुछ ऐसे लोग जो अपने विद्याथीर्काल में पारिवारिक जिम्मेदारियों, विद्यालय के बहुत दूर स्थित होने और गरीबी के कारण पढ़ाई नहीं कर पाए थे। उनके लिए ‘सुबह पढ़े बालक, शाम को पढ़े पालक’ योजना एक वरदान साबित हो रही है।
इन कक्षाओं में आने वाले लोगों को अक्षरज्ञान सहित अन्य शिक्षा बहुत ही रोचक विधि से दी जा रही है। साक्षरता कक्षाओं में पढ़ने वाले व्यक्तियों का समय-समय पर मूल्यांकन किया जाता है। महापरीक्षा के आयोजन में शामिल नवसाक्षरों को प्रमाणपत्र भी प्रदान किया जाता है। इसी प्रकार प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर की परीक्षा के लिए समतुल्यता परीक्षा का आयोजन भी किया जाता है। इस परीक्षा में उत्तीर्ण लोगों को नियमित विद्यार्थियों के समान ही मान्यता दी जाती है।
कलेक्टर ऋतु सैन ने सभी लोगों से साक्षरता कक्षाओं में जाकर शिक्षा प्राप्त करने का आग्रह किया है। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारीए जिला परियोजना अधिकारी, विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं विकासखण्ड परियोजना अधिकारियों सहित अन्य विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारियों से वयस्कों के लिए संचालित कक्षाओं का सतत मॉनीटरिंग कर आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।