नई दिल्ली, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। वर्ष 2015 में विज्ञान के क्षेत्र में भारत की एक बड़ी उपलब्धि ‘सबसे बड़े प्रैक्टिकल साइंस लेशन’ के लिए गिनीज बुक में नाम दर्ज कराना रहा। दिसंबर में आईआईटी दिल्ली में भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के तहत दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से 2,000 स्कूली छात्रों ने यह रिकार्ड बनाया।
प्रायोगिक विज्ञान पाठ के रूप में दर्ज हुआ यह विश्व रिकार्ड आयरिश स्कूल के 1,339 विद्यार्थियों के एक समूह द्वारा निर्धारित श्रेणी में बनाए गण् विश्व रिकॉर्ड को तोड़कर बनाया गया।
गिनीज बुक ने अपनी वेबसाइट में उल्लेख किया है कि इस सबसे बड़े प्रायोगिक विज्ञान पाठ में 2000 छात्रों ने भाग लिया था और यह सम्मान 7 दिसंबर को दिल्ली, भारत में विज्ञान भारती (भारत) ने प्राप्त किया। इसमें शामिल प्रतिभागियों ने उत्प्रेरक पर आधारित इस पाठ के तहत प्रयोगों को पूरा करने के लिए छोटी-छोटी टीम में काम किया।
65 मिनट लंबे इस कार्यक्रम में सरकारी और निजी दोनों स्कूलों से 40 स्कूलों से 9वीं से 12वीं कक्षा के 2000 स्कूली छात्रों ने भाग लिया। हर स्कूल से 50 बच्चे शामिल हुए थे। केरल में कोच्चि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रो. के. गिरीश कुमार ने प्रयोगों की अवधारणा तैयार की और सत्र का आयोजन करने वाली टीम का नेतृत्व किया।
एक्सरसाइज की एक प्रमुख विशेषता ‘एलिफैंट टूथपेस्ट एक्सपेरिमेंट’ था, जिसमें आयोडीन की मौजूदगी में हाइड्रोजन पेरोक्साइड को कैटालिटिक डिकंपोजिशन कराया गया। नतीजतन काफी मात्रा में ऑक्सीजन बाहर निकला और इतना अधिक झाग निकला जितना एक बड़े टूथपेस्ट को निचोड़ने पर निकलता है। अन्य प्रयोग में हाइड्रोजन पेरोक्साइड द्वारा मिथलिन ब्ल्यू का बेरंग होना शामिल था।
यह आयोजन तीन स्वतंत्र निरीक्षकों- दिल्ली के वरिष्ठ पुलिस आयुक्त धर्मेद्र कुमार, असम राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के निदेशक अरूप कुमार मिश्रा और मैसूर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. अखिल अहमद की निगरानी में संचालित किया गया।
इसके अलावा 40 प्रबंधक भी थे, जिनका कार्य यह सुनिश्चित करना था कि छात्रों ने प्रयोग को सफलतापूर्वक पूरा किया है।