मुंबई, 30 दिसम्बर (आईएएनएस)। देश की राष्ट्रीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने बुधवार को कहा कि प्रीमियर बैडमिंटन लीग (पीबीएल) में शामिल किया गया ट्रंप मैच का नया नियम इस टूर्नामेंट को खिलाड़ियों और दर्शकों दोनों के लिए और रोचक बनाएगा।
नए नाम के साथ पीबीएल दो वर्ष के अंतराल के बाद अगले वर्ष दो जनवरी से शुरू हो रहा है।
टूर्नामेंट का पहला मैच देश की शीर्ष महिला खिलाड़ी सायना नेहवाल के नेतृत्व वाली अवध वॉरियर्स और मुंबई रॉकेट्स के बीच होगा।
इन दो टीमों के अलावा पीबीएल के दूसरे संस्करण में हिस्सा लेने वाली टीमों में दिल्ली एसर्स, हैदराबाद हंटर्स, बेंगलुरू टॉप गन्स और चेन्नई स्मैशर्स शामिल हैं।
पीबीएल में शामिल किए गए नए नियमों के अनुसार, किसी एक मुकाबले में खेले जाने वाले पांच मैचों में से किसी एक मैच को टीम को अपना ट्रंप मैच घोषित करना होगा। यह ट्रंप मैच जीतने पर टीम को हां बोनस में दो अंक मिलेंगे, वहीं हारने पर एक अंक काट लिए जाएंगे।
गोपीचंद ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “टूर्नामेंट में शामिल किया गया यह नियम शानदार है और इससे मैच के समापन तक रोमांच खत्म नहीं होगा। प्रत्येक टीम को अपने पांच मैचों में से एक को ट्रंप मैच घोषित करना होगा। टीमों को किसी मैच से डेढ़ घंटे पहले अपनी टीम घोषित करनी होगी। मैच शुरू होने के साथ ही उन्हें बताना होगा कि कौन सा मैच ट्रंप मैच होगा।”
गोपीचंद ने कहा, “दोनों टीमें किसी एक मैच को अपना-अपना ट्रंप मैच घोषित कर सकती हैं। ऐसे में पांच गेम वाले मैच में 3-0 से बढ़त के बावजूद किसी टीम की जीत पक्की नहीं होगी। दर्शकों की मैच में रूचि बनी रहेगी। यह देखना मजेदार होगा कि खिलाड़ी इस अतिरिक्त दबाव का सामना कैसे करते हैं। कुछ दबाव में अच्छा खेलते हैं तो कुछ दबाव नहीं झेल पाते।”
पीबीएल पर गोपीचंद ने कहा, “मैं पीबीएल में युवा खिलाड़ियों को देश और दुनिया के कुछ दिग्गज खिलाड़ियों को चुनौती देते और उनसे सीखते देखने को उत्सुक हूं। यह लीग किसी खिलाड़ी के लिए नाम कमाने का बेहतरीन मौका है। सभी टीमें मजबूत नजर आ रही हैं और छह टीमों में खिताब की प्रबल दावेदार टीम का चयन करना बेहद मुश्किल है।”
अगले वर्ष ब्राजील के रियो डी जनेरियो में होने वाले ओलम्पिक खेलों में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों के पदक जीतने की संभावना पर उन्होंने कहा, “ओलम्पिक शुरू होने में अभी काफी दिन हैं। यहां तक कि अभी उसके लिए क्वालीफाइंग टूर्नामेंट भी शुरू नहीं हुए हैं। मेरे खयाल से ओलम्पिक से पहले ही कई अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट हैं, जो खिलाड़ियों की तैयारी में मददगार होंगे।”