झांसी, 11 जनवरी (आईएएनएस)। बुंदेलखंड के समस्याग्रस्त किसानों और अन्य वर्गो की मदद के लिए हेल्पलाइन शुरू की जाएगी और हेल्पलाइन नंबर गांव-गांव पहुंचाया जाएगा। यह काम स्वराज अभियान बगैर किसी की मदद के करने जा रहा है।
झांसी, 11 जनवरी (आईएएनएस)। बुंदेलखंड के समस्याग्रस्त किसानों और अन्य वर्गो की मदद के लिए हेल्पलाइन शुरू की जाएगी और हेल्पलाइन नंबर गांव-गांव पहुंचाया जाएगा। यह काम स्वराज अभियान बगैर किसी की मदद के करने जा रहा है।
स्वराज अभियान के राष्ट्रीय संयोजक योगेंद्र यादव और उनसे जुड़े लोग उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में फैले बुंदेलखंड के कई गांव का दौरा कर चुके हैं। इन प्रवासों के दौरान यादव ने पाया है कि इस इलाके में पीने के पानी का भीषण संकट है, जल संरचनाएं सूखने की कगार पर हैं, भुखमरी के हालात बन रहे हैं, जानवरों को चारा भी नहीं मिल रहा है। वहीं सरकारें अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पा रही हैं।
बुंदेलखंड के प्रवास के बाद रविवार को यादव और उनके विभिन्न टीमों के सदस्य झांसी वापस पहुंचे। यहां एक बैठक हुई। इस बैठक में यादव ने बुंदेलखंड के समस्याग्रस्त लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन बनाने की बात कही।
बैठक में तय किया गया कि बुंदेलखंड के 13 हजार गांव तक इस हेल्पलाइन का नंबर पहुंचाया जाएगा। इस नंबर पर किसान अपनी समस्या बता सकेंगे और उसके समाधान की स्वराज अभियान की ओर से पहल की जाएगी। इसके लिए अभियान किसी से मदद नहीं लेगा।
इस बैठक में तय किया गया कि गांव-गांव में पर्चे बांटकर किसानों को बताया जाएगा कि वे किस तरह सूखे की समस्या का मुकाबला करें। स्वराज अभियान के सदस्य गांव-गांव के संपर्क में रहकर उनकी समस्याओं को दोनों राज्यों की सरकारों और प्रशासनिक अमले तक पहुंचाकर उनके समाधान कराने की हर संभव कोशिश करेंगे। यह सिलसिला तब तक चलेगा, जब तक कि संबंधितों की समस्या का समाधान नहीं हो जाता।
बुंदेलखंड आपदा निवारण मंच के संयोजक संजय सिंह ने बताया कि इस क्षेत्र की स्थिति पर निगरानी के लिए पीपुल्स कमीशन बनाया जा रहा है। इसके अलावा जिले स्तर पर भी कमेटी बनाई जाएगी। ये समितियां समय-समय पर अपने प्रतिवेदन देंगी।
बुंदेलखंड में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के 13 जिले आते हैं। उत्तर प्रदेश के सात जिलों- झांसी, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर, बांदा, महोबा और चित्रकूट और मध्य प्रदेष के छह जिले सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ और दतिया में सूखे का संकट है। इन सभी जिलों को स्वराज अभियान के दल दौरा कर चुके हैं और जमीनी हकीकत देखकर उन्होंने एक विस्तृत प्रतिवेदन तैयार किया है।
बुंदेलखंड के प्रवास के बाद यादव ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बुंदेलखंड अभूतपूर्व प्राकृतिक और मानव निर्मित संकट से जूझ रहा है, जलस्रोत सूख गए हैं, जानवरों को चारा तक नहीं मिल रहा है। जानवरों के लिए तो अकाल जैसी स्थिति बन गई है।
यादव ने आगे कहा कि समस्या से जूझ रहे बुंदेलखंड के लोगों को राहत देने के लिए दोनों राज्य सरकारों को तत्काल आपातकालीन कदम उठाना चाहिए। फसलें पूरी तरह चौपट हो गई हैं, अनाज का सकंट खड़ा हो सकता है, समय रहते प्रयास नहीं किए गए तो भुखमरी की स्थिति बन जाएगी।
उनका कहा है कि वे जल्दी ही केंद्र सरकार के साथ प्रदेश सरकारों को बुंदेलखंड की स्थिति से अवगत कराएंगे और आग्रह करेंगे कि वह जल्द ही सार्थक कदम उठाएं।