बांदा, 7 फरवरी (आईएएनएस/आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में ब्लॉक प्रमुखी चुनाव की तिथि घोषित होते ही क्षेत्र पंचायत (बीडीसी) सदस्यों के धर-पकड़ करने के आरोप सत्तापक्ष पर लगने शुरू हो गए थे। बिसंडा ब्लॉक के तीन दर्जन से अधिक सदस्यों के जीत प्रमाणपत्र कथित तौर पर एक दबंग के कब्जे में होने का आरोप लगाया है। ऐसे में वह मतदान में भाग लेने से वंचित हो सकते हैं।
बांदा, 7 फरवरी (आईएएनएस/आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में ब्लॉक प्रमुखी चुनाव की तिथि घोषित होते ही क्षेत्र पंचायत (बीडीसी) सदस्यों के धर-पकड़ करने के आरोप सत्तापक्ष पर लगने शुरू हो गए थे। बिसंडा ब्लॉक के तीन दर्जन से अधिक सदस्यों के जीत प्रमाणपत्र कथित तौर पर एक दबंग के कब्जे में होने का आरोप लगाया है। ऐसे में वह मतदान में भाग लेने से वंचित हो सकते हैं।
रविवार को ब्लॉक परिसर बिसंड़ा में बनाए गए मतदान केंद्र के बाहर करीब तीन दर्जन क्षेत्र पंचायत सदस्य इस ताक में बैठे हैं कि उनके जीत प्रमाण पत्र वापस हों और वह मतदान में भाग ले सकें।
चौसड़ से सदस्य रमेश कुशवाहा ने बताया कि करीब तीन दर्जन सदस्यों शोभावती, रामदेवी, राकेश, रामकिशोर, अरविंद, बाला प्रसाद, रामपूजन, सरस्वती देवीदयाल, जगन्नाथ आदि के जीत प्रमाणपत्र सपा समर्थित एक दबंग बहुत पहले अपने कब्जे में ले चुका है और वह सपा समर्थित उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने की हामी न भरने पर वापस नहीं कर रहा है।
उन्होंने बताया कि एक दर्जन से अधिक सदस्य अतर्रा के उप जिलाधिकारी को इस बावत संयुक्त हस्ताक्षरित शिकायती पत्र दिया है, लेकिन दोपहर तक प्रमाणपत्र वापस नहीं मिले।”
अपर जिलाधिकारी/जिला सहायक निर्वाचन अधिकारी बांदा दयाशंकर पांड़ेय का कहना है कि मतदान पूर्व सभी सदस्यों की फोटोयुक्त मतदाता सूची बनाई गई है, जिस मतदाता के पास जीत प्रमाणपत्र नहीं होगा, उसका मत सूची से मिलान कर डलवाया जाएगा।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी जीत प्रमाणपत्र देखकर ही सदस्य को मतदान केंद्र के अंदर जाने की इजाजत दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में तो करीब तीन दर्जन सदस्य अपने मताधिकार का प्रयोग ही नहीं कर पाएंगे।