इस्लामाबाद, 20 फरवरी (आईएएनएस)। भारत में पठानकोट स्थित वायु सेना के अड्डे पर जनवरी में हुए हमले में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की कथित भूमिका की जांच और इस संबंध में सबूत एकत्र करने के लिए पाकिस्तान का एक जांच दल अगले माह भारत का दौरा कर सकता है।
पाकिस्तानी जांच दल के दौरे की खबरें पहले भी आई थी, लेकिन भारत ने आधिकारिक रूप से इस पर कोई बयान नहीं दिया है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने हालांकि कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) आवश्यकता के अनुरूप मामले की जांच करेगी और पाकिस्तान अपने देश में इस जांच को आगे बढ़ाए।
समाचार पत्र ‘डॉन’ की रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ राजनयिक ने बताया, “पाकिस्तानी जांच दल के भारत दौरे की उम्मीद है।” उन्होंने हालांकि यह भी बताया कि इसकी तारीख अभी तय नहीं है।
अखबार के मुताबिक, पाकिस्तान के पंजाब पुलिस के आतंकवाद रोधी विभाग ने शुक्रवार को हमले के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की, जिसके बाद जांच दल के भारत दौरे का मार्ग प्रशस्त हो गया है। पठानकोट हमले के बाद प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने छह सदस्यीय जांच दल का गठन किया था।
पाकिस्तानी जांच दल घटनास्थल का दौरा करेगा और भारतीय दावों के संबंध में सबूत एकत्र करेगा, जिसमें कहा गया है कि आतंकवादी हमले की साजिश पाकिस्तान में की गई थी और इसे सीमा पार से आए आतंकवादियों ने अंजाम दिया।
जांचकर्ता भारतीय जांच एजेंसी एनआईए के अधिकारियों से भी मिलेंगे, जो इस मामले की जांच कर रहे हैं।
राजनयिक सूत्र ने बताया कि भारत, पाकिस्तान के जांच दल का स्वागत करने और जांच में उन्हें हरसंभव मदद देने को तैयार है।
अखबार के मुताबिक, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई बैठक में पाकिस्तान को जांच में सहयोग पर चर्चा की गई। बैठक में पाकिस्तानी जांच दल के भारत दौरे के बारे में भी चर्चा की गई।
इस हमले के बाद से ही डोभाल अपने पाकिस्तानी समकक्ष जनरल नासिर खान जांजुआ से संपर्क में हैं। दोनों के बीच बातचीत से पठानकोट हमले के बाद दोनों देशों के बीच रिश्तों में कड़वाहट बढ़ने से रोकने में मदद मिली है। हालांकि इससे विदेश सचिव स्तर की वार्ता टल गई, जिसमें समग्र द्विपक्षीय वार्ता के लिए समय और तरीकों का निर्धारण किया जाना था।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब अगले महीने वाशिंगटन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में भाग लेने जा रहे हैं। दोनों देशों के राजनयिक इस दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात की संभावना तलाश रहे हैं।