कोलकाता, 31 मार्च (आईएएनएस)। मंगल ग्रह का दीदार करने के लिए लाखों डॉलर खर्च कर वहां के टिकट का इंतजार क्यों करना जब धरती पर ही ऑस्कर के लिए नामांकित फिल्म ‘द मार्टिन’ यहां भारत में उसका अनुभव करा रही है।
कोलकाता, 31 मार्च (आईएएनएस)। मंगल ग्रह का दीदार करने के लिए लाखों डॉलर खर्च कर वहां के टिकट का इंतजार क्यों करना जब धरती पर ही ऑस्कर के लिए नामांकित फिल्म ‘द मार्टिन’ यहां भारत में उसका अनुभव करा रही है।
भारत में मंगल का ग्रह का नजारा देखने के लिए पश्चिमी राज्य गुजरात की ओर रुख करना है।
इस राज्य में एक ऐसी जगह की खोज की गई है जिसकी सतह हूबहू मंगल ग्रह की सतह जैसी है।
इंडियन स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (एसएसी-इसरो) अहमदाबाद, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी खड़गपुर और नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनजीआरआई) हैदराबाद के वैज्ञानिकों ने मिलकर इस जगह की खोज की है।
यह स्थान गुजरात के कच्छ जिले में है जो भुज से 86 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम दिशा में है। इसे मातानुमाध क्षेत्र कहा जाता है। यहां पर वैज्ञानिकों ने यहां एक दुर्लभ खनिज जारोसाइट की पहचान की है और उसका दस्तावेजीकरण किया है।
आईआईटी खड़कपुर के जियोलॉजी और जियोफिजिक्स विभाग के प्रोफेसर शैबाल गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, “मातानुमाध में कई दुर्लभ खनिज पाए गए हैं जिनमें से जारोसाइट भी एक है। यहां के खनिजों के कारण यहां की जमीन की सतह बिल्कुल मंगल के जैसी है। मंगल पर भी इसी प्रकार के खनिज पाए गए हैं।”
जारोसाइट धरती के कुछ चुनिंदा इलाकों में ही पाए गए हैं जहां का वातावरण काफी गर्म और असामान्य हो।
आईआईटी खड़कपुर के सौविक मित्रा का कहना है, “मंगल ग्रह का वातावरण भी किसी समय निश्चित रूप से इसी प्रकार का रहा होगा।”