कोलकाता, 29 अप्रैल (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को नारदा स्टिंग टेप की फोरेंसिक जांच का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति मंजुला चेल्लुर और न्यायमूति ए. बनर्जी ने इस मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। इसमें इस स्टिंग की किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाने की मांग की गई है जिसमें कथित रूप से तृणमूल कांग्रेस के नेता रिश्वत लेते दिखाई दे रहे हैं।
यह पूरा स्टिंग आईफोन के द्वारा किया गया है और इसे बाद में लैपटॉप और पेन ड्राइव में डाल दिया गया।
नारदा न्यूज के सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने आईफोन और पेन ड्राइव अदालत द्वारा नियुक्त विशेष समिति को सौंप दिया है। हालांकि, उन्होंने समिति को लैपटॉप यह कहते हुए नहीं दिया कि इसकी कीमत उनके पास जमा की जाए, तभी वे लैपटॉप देंगे।
अदालत ने विशेष समिति के निदेशक को निजी तौर पर आईफोन और पेन ड्राइव को सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री (सीएफएसएल), हैदराबाद के निदेशक को देने का आदेश दिया।
इसके अलावा अदालत ने सैमुअल को आदेश दिया कि वे एक हफ्ते के अंदर अपना लैपटॉप सीएफएसएल के हवाले करें।
सीएफएसएल को कहा गया है कि वह आईफोन, लैपटॉप और पेन ड्राइव की जांच करे कि इसमें कोई छेड़छाड़ तो नहीं की गई है और यह कि वीडियो टेप वास्तविक है या नहीं।
लैब को कहा गया है कि इस जांच जितनी तेजी से संभव हो, की जाए और किसी भी हालत में 4 हफ्तों से ज्यादा समय नहीं लगाया जाए। इसके बाद विशेष समिति के निदेशक के पास इसकी गोपनीय रिपोर्ट जमा की जाए। समिति रिपोर्ट को अदालत में प्रस्तुत करेगी।
तृणमूल कांग्रेस ने दावा किया है कि टेप के साथ छेड़छाड़ की गई है। उसने विपक्ष द्वारा की जा रही जांच की मांग का विरोध किया है। ये टेप मार्च में सामने आए थे।