नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि सभी पक्षों में सर्वसम्मति होने के बाद ही सरकार श्रम कानून में संशोधन करेगी और उन्होंने स्वीकार किया कि न्यूनतम वेतन के मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।
जेटली ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के एक प्रतिनिधिमंडल से कहा, “सरकार श्रम कानून में कोई भी संशोधन श्रमिक संघों, नियोक्ता संगठनों और राज्य सरकारों के बीच सर्वसम्मति कायम करने के बाद ही करेगी।”
बीएमएस के महासचिव विरजेश उपाध्याय के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को जेटली के नेतृत्व में मंत्रियों के एक समूह से मिला। मंत्रियों के समूह में श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह शामिल थे।
मुलाकात के बाद बीएमएस ने अपने बयान में कहा कि जेटली न्यूनतम वेतन के मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने पर सहमति जताई।
जेटली ने ठेका मजदूरों की समस्याओं पर भी ध्यान देने का और उनकी सेवा शर्ते नियमित मजदूरों के समान करने पर विचार करने का आश्वासन दिया।